CAA: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और मतुआ समुदाय की नेता ममता बाला ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े लोग ही संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नागरिकता के पात्र हैं.


ममता बाला की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है, जब मंत्री शांतनु ने कुछ दिन पहले कथित तौर पर कहा था कि टीएमसी से जुड़े मतुआ समुदाय के लोग सीएए के तहत नागरिकता के पात्र नहीं होंगे.


'क्या सीएए से सिर्फ बीजेपी समर्थकों को मिलेगी नागरिकता'
नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में ममता बाला ने सवाल किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर और उनके समर्थक प्रचार कर रहे हैं कि टीएमसी से जुड़े मतुआ लोगों को बांग्लादेश खदेड़ दिया जाएगा और केवल बीजेपी से जुड़े लोगों को सीएए के तहत नागरिकता मिलेगी. क्या ऐसा कोई कानून है जो मतुआ समुदाय के केवल बीजेपी समर्थकों को लाभ पहुंचाने की इजाजत देता है?’’


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए टीएमसी सांसद ने कहा, ‘‘हमारी नेता कहती रही हैं कि जब हम पहले से ही देश के नागरिक हैं तो फॉर्म भरने की कोई जरूरत नहीं है.’’


ममता बाला ने शपथ ग्रहण के दौरान अपने समुदाय के महापुरुषों को याद नहीं कर पाने के लिए अफसोस प्रकट किया. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे संप्रदाय के लिए शर्म और अपमान की बात है कि मैं संसद के अंदर अपने गुरु का नाम नहीं ले पाई.’’


'शीर्ष स्तर पर हैं बांग्ला विरोधी लोग'
टीएमसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नए भारत के लोकतंत्र के मंदिर में बंगाल के महापुरुषों के लिए कोई जगह नहीं है. बीजेपी नेता संसद में अपशब्द कह सकते हैं, लेकिन बंगाल की सांसद शपथ लेते समय मतुआ महापुरुषों हरिचंद ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर को धन्यवाद नहीं दे सकतीं. शीर्ष स्तर पर बांग्ला विरोधी लोग हैं.’’


पश्चिम बंगाल के मतुआ-बहुल ठाकुरनगर इलाके में रविवार रात नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जब मतुआ समुदाय की दिवंगत कुलमाता बीनापाणि देवी के घर पर नियंत्रण को लेकर दोनों नेताओं के समर्थक आमने-सामने आ गए.


शांतनु ठाकुर की चाची हैं ममता बाला ठाकुर
टीएमसी के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब शांतनु ठाकुर ने अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर उस घर पर कब्जा करने का प्रयास किया, जहां वर्तमान में ममता बाला रहती हैं.


पश्चिम बंगाल पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ उनकी चाची ममता बाला ठाकुर की शिकायतों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है. ममता बाला ने मंत्री पर उस घर पर जबरन कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया है, जहां समुदाय की कुलमाता बीनापाणि देवी रहती थीं. पांच साल पहले बीनापाणि देवी का निधन हो गया था.


केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ममता बाला ठाकुर ने मेरे कानूनी उत्तराधिकारी होने के बावजूद जबरन घर पर कब्जा कर लिया था.’’


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