नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में बार-बार बंगाल की कानून व्यवस्था से जुड़े सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है. पार्टी ने अपनी आपत्ति जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है.
संसद के नियमों का उल्लंघन है
पार्टी का कहना है कि एक ही सत्र में किसी एक विषय पर बार-बार सवाल नहीं पूछे जा सकते और ऐसा करना सदन के नियमों के विरुद्ध है. लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सदन में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने सदन की प्रक्रिया के नियम 42 का हवाला दिया है. बंदोपाध्याय ने दावा किया है कि इस नियम में साफ लिखा है कि एक ही विषय पर बार बार सदन में चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने अपने पत्र में 4 सवालों का जिक्र किया है. उनका दावा है कि यह चारों सवाल अलग-अलग शब्दों में. लेकिन 2019 आम चुनावों के दौरान बंगाल में राजनीतिक हिंसा के बारे में ही पूछे गए हैं.
राज्यसभा में पूछे गए 3 सवाल
पार्टी ने राज्यसभा के बारे में भी ऐसे ही नियमों का उल्लेख किया है. सदन में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने नियम 47 का हवाला दिया है. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि राज्यसभा में तीन सवाल बंगाल की हिंसा के बारे में ही पूछे गए. ऐसा करना नियम 47 का साफ साफ उल्लंघन है.
संसदीय कार्य मंत्री से की मुलाक़ात
अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी से मंगलवार को मुलाकात की. जोशी से पार्टी नेताओं ने इस मसले पर गंभीरता से विचार करने को कहा. अपने पत्र में पार्टी ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए 10 एडवाइजरी का भी जिक्र किया है. पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार जानबूझकर बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को निशाना बना रही है, और राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद कर रही है.
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