TMC Allegation On Delhi: दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं के धरने के बाद पुलिस की ओर से हिरासत में लिए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. टीएमसी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने पार्टी नेताओं का अपहरण किया है.


टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कहा है, "दिल्ली पुलिस ने हमारे 5 टीएमसी सांसदों और 4 पूर्व सांसदों का अपहरण कर लिया है. हम चुनाव आयोग के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और हमें बताया गया कि हमें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया जाएगा और फिर, अचानक, बस का मार्ग बदल दिया गया और वह एक अज्ञात स्थान पर जा रही है. इस पर ध्यान दें - 5 वर्तमान सांसदों और 4 पूर्व सांसदों पर हमला किया गया, हिरासत में लिया गया, और अब उन्हें अवैध रूप से किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है."


NIA पर हमलावर है टीएमसी


दरअसल पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर लगातार हमले बोले हैं. एजेंसियों के ही दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली में इलेक्शन कमीशन के दफ्तर के बाहर टीएमसी के दस सांसद धरना पर बैठ गए. इन सांसदों ने मांग थी कि ईडी, सीबीआई, एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के निदेशकों को बदला जाए. इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने इन सभी सांसदों को वहां से उठाकर हिरासत में ले लिया है.


धरना प्रदर्शन कर रहे थे टीएमसी के 10 सांसद


इलेक्शन कमीशन के ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे 10 सांसदों ने पहले आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की है.  इन सांसदों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इन सभी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.


बता दें कि सोमवार (8 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे संसद भवन को जेल में बदल दें तब भी वह डरने वाली नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रधानमंत्री की हालिया चेतावनी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के बयान सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दिए गए थे.


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