(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
TMC Protest: ED-CBI के चीफ बदलने की मांग, दिल्ली में TMC का हल्लाबोल, AAP का भी मिला सपोर्ट
TMC Leader Protest: टीएमसी नेताओं ने सोमवार (8 अप्रैल) को चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात कर ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के चीफ बदलने की मांग की थी.
TMC Protest in Delhi: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता मंगलवार (9 अप्रैल) सुबह से ही दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दे रहे हैं. टीएमसी को आम आदमी पार्टी (आप) का भी साथ मिला है. दरअसल, चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर धरना देने के दौरान पुलिस ने टीएमसी नेताओं को हिरासत में लिया था. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई और जांच एजेंसियों के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर अब टीएमसी और आप नेता पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. पुलिस ने उन्हें यहां से हटने को भी कहा है.
आप के सौरभ भारद्वाज, संजीव झा, दिलीप पांडे समेत पार्टी के अन्य विधायक और नेता थाने के बाहर बैठ गए हैं. उनके साथ टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष भी हैं. पुलिस ने उनसे कहा है कि ये जगह पॉलिटिकल एजेंडे के लिए नहीं है. सागरिका घोष से बात करते हुए पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि थाने का इस्तेमाल राजनीतिक मतलब से नहीं किया जाए. इस दौरान घोष ने थाने के भीतर जाने की कोशिश भी की, जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका है.
थाने के अंदर प्रदर्शन पर बैठे टीएमसी नेता
पुलिस की तरफ से लगातार तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कहा जा रहा है कि उनको किसी तरह से हिरासत में नहीं रखा गया है. वह थाना परिसर छोड़ दें और जा सकते हैं. पुलिस नेताओं को जल्द से जल्द पीछे हटने को कह रही है. मगर टीएमसी प्रतिनिधिमंडल थाना परिसर के अंदर ही प्रदर्शन पर बैठा है. टीएमसी नेताओं ने कहा कि सोमवार को शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक बैठाए रखा गया और उसके बाद रात 12 बजे के बाद कहा गया कि अब आप जा सकते हैं.
रात में महिला नेताओं को हिरासत में रखने पर विवाद
टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमें जबरन अपनी हिरासत में रखा, जबकि हम चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे थे. पार्टी की राज्यसभा सांसद डोला सेन ने पूछा है कि महिला सांसद और नेताओं को सूर्यास्त के बाद किस तरह से हिरासत में रखा गया है. पुलिस को इसका जवाब देना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी भी जंग लड़ रही है और हम भी लड़ रहे हैं. हम उसके साथ खड़े हैं. डोला सेन ने का कहना है कि जांच एजेंसियों का हमला सिर्फ तृणमूल कांग्रेस को पर ही नहीं है, बल्कि आम आदमी पार्टी के ऊपर भी है.
जहां विपक्ष आवाज उठाता है, वहां उसे जेल भेजा जाता है: सौरभ भारद्वाज
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के समर्थन में मंदिर मार्ग थाने पहुंचे सौरभ भारद्वाज कहा कि हम टीएमसी के साथ हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज पुरी तरह से दबा देना चाहती है. देश के किसी भी राज्य में जहां विपक्ष उनके खिलाफ आवाज उठाता है, उनको सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है. आप विधायक ने कहा कि टीएमसी नेताओं ने तो सिर्फ यही मांग की है कि चार एजेंसियों के प्रमुखों को हटाया जाए, क्योंकि उन्होंने तांडव मचाया हुआ है. इसमें गलत क्या है.
क्या है टीएमसी-पुलिस के बीच विवाद का पूरा मामला?
दरअसल, टीएमसी के दस सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की. इसने मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और आयकर विभाग (आईटी) के प्रमुखों को बदला जाए. टीएमसी ने इन जांच एजेंसियों पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया. मुलाकात के बाद टीएमसी ने कहा कि वह चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर 24 घंटे का धरना देंगे.
प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और टीएमसी की पश्चिम बंगाल छात्र इकाई के उपाध्यक्ष सुदीप राहा शामिल थे. हालांकि, जैसे ही टीएमसी नेता धरना देने गए, वैसे ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पुलिस ने बताया कि सोमवार रात ही सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया.
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