TMC on Congress: विपक्षी इंडिया गठबंधन की डिजिटल बैठक से दूर रहने वाली तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार (13 जनवरी) को इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. साथ ही कहा कि कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में अपनी सीमाओं को पहचानना चाहिए और टीएमसी को यहां राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व करने देना चाहिए.


विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेता शनिवार को गठबंधन को मजबूत करने, सीट बंटवारे पर एक फॉर्मूला तैयार करने और विपक्षी दलों के गठबंधन का संयोजक बनाने पर निर्णय लेने पर चर्चा कर रहे हैं. यह दूसरा ऐसा प्रयास है क्योंकि कुछ दिन पहले डिजिटल बैठक आयोजित करने का पिछला प्रयास सफल नहीं हो पाया था.


बंगाल कांग्रेस अपनी कमजोरी स्वीकार करे- TMC


टीएमसी के एक सांसद ने गठबंधन के प्रति पार्टी के समर्पण पर जोर देते हुए कहा, "हम इंडिया गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं. हालांकि हम ईमानदारी से चाहते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व अपनी पश्चिम बंगाल इकाई की सीमाओं और कमजोरियों को स्वीकार करे और हमें (टीएमसी) को राज्य में लड़ाई का नेतृत्व करने दे.’’


टीएमसी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डिजिटल बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी. क्योंकि वह अपनी पहले से तय कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और वह 16 घंटे पहले बैठक आयोजन के बारे में जानकारी दिये जाने पर पर उन्हें बदल नहीं सकेंगी.’’


टीएमसी ने दो सीट देने की पेशकश की


उन्होंने कहा, "हमें बताया गया कि कोई और इसमें शामिल नहीं हो सकता क्योंकि इंडिया गठबंधन के प्रत्येक घटक दल से केवल एक व्यक्ति को ही इसमें शामिल होने की अनुमति है.’’ इससे पहले टीएमसी ने अपने पूर्व रुख का हवाला देते हुए आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के साथ बैठकों में प्रतिनिधियों को भेजने से इनकार कर दिया था, जिसके बारे में उसने कांग्रेस को बता दिया था.


टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे के आधार पर कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में दो सीटों की पेशकश की थी. हालांकि, कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को अपर्याप्त माना.


सीट बंटवारे पर अधीर रंजन चौधरी का बयान


पिछले हफ्ते टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कांग्रेस के साथ सहयोग करने की पार्टी की इच्छा का संकेत दिया था, लेकिन कहा था कि अगर बातचीत विफल रही तो पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी टीएमसी से सीटों की भीख नहीं मांगेगी. अधीर रंजन चौधरी टीएमसी के मुखर आलोचक हैं.


सूत्रों के अनुसार टीएमसी राज्य की कुल 42 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के साथ तीन से चार सीटें साझा करने पर विचार कर सकती है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में, टीएमसी को 22 सीटें और कांग्रेस को दो सीटें मिलीं थीं, जबकि बीजेपी ने राज्य में 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. अधीर रंजन चौधरी ने बहरामपुर सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अबू एच खान चौधरी ने मालदा दक्षिण से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की थी.


सीएम ममता ने क्या प्रस्ताव दिया था?


पिछले साल नवंबर में पश्चिम बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच गठबंधन के सीएम ममता बनर्जी के प्रस्ताव को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तत्काल खारिज कर दिया था और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसकी आलोचना की थी.


कुछ दिनों बाद, सीएम ममता बनर्जी ने दोनों पार्टियों पर बीजेपी के साथ जाने का आरोप लगाया था और कहा था कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में बीजेपी का मुकाबला करेगी. टीएमसी ने इससे पहले तीन बार 2001 विधानसभा चुनाव, 2009 लोकसभा चुनाव और 2011 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है.


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