दरअसल, शांतनु सेन ने आरजी कर अस्पताल पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था, मैं असमंजस में हूं कि अपनी बेटी को आरजी कर में नाइट ड्यूटी पर भेजूं या नहीं. उन्होंने कहा था कि मैं एक पूर्व आरजी कर हूं. मेरी बेटी वहां पढ़ती है. पिछले कुछ वर्षों में आरजी कर में चिकित्सा शिक्षा में गिरावट आई है. माना जा रहा है कि शांतनु सेन के इसी बयान के बाद उन पर ये एक्शन लिया गया है. पार्टी ने शांतनु के इस बयान को उनका निजी बयान बताया था.
'एक सिपाही के तौर पर काम किया'
समाचार एजेंसी ANI को दिए बयान में शांतनु सेन ने कहा, मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला है कि मुझे पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया है. मैं कहना चाहूंगा कि मैंने टीएमसी की सभी लड़ाइयों में एक सिपाही के तौर पर काम किया है और मैं आगे भी जारी रखूंगा.
उन्होंने कहा, ऐसे में आज भी मैं दो बातें कहना चाहूंगा, प्रवक्ता के तौर पर जब भी मैंने कोई बयान दिया, तो न तो पार्टी के खिलाफ बोला, न ही किसी नेता के खिलाफ...मैं वही कहूंगा जो मैंने पहले दिन कहा था, समाचार सीएम ममता बनर्जी को सटीक रूप से नहीं भेजा जाता है. हालांकि, शांतनु सेन ने कहा कि वे टीएमसी में हैं और पार्टी में ही बने रहेंगे.