Saket Gokhale On Manipur Violence: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने कथित तौर पर मणिपुर हिंसा के दौरान जिंदा जला दी गई एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला का जिक्र करते हुए बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जान गंवाने वाली बुजुर्ग महिला एक स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी थी. साकेत गोखले ने घटना को स्तब्ध करने वाला बताया है.


साकेत गोखले ने रविवार (23 जुलाई) को ट्वीट किया, ''एक और स्तब्ध करने वाली घटना में, मणिपुर में भीड़ ने एक 80 वर्षीय महिला को उसके घर में जिंदा जला दिया.'' इसी के साथ उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''बीजेपी और मोदी सरकार तत्काल कार्रवाई करने के बजाय फर्जी खबरें गढ़कर और विपक्षी राज्यों में एक-एक घटनाओं को चिह्नित करके मणिपुर में चल रहे नरसंहार और जातीय संहार को सही ठहराने की कोशिश में लगी हुई हैं.''


सीएम एन बीरेन सिंह और मोदी सरकार पर लगाए आरोप


टीएमसी नेता ने लिखा, ''मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के रहते हुए बीजेपी ने महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ अकथनीय अत्याचार किए हैं.'' उन्होंने आगे लिखा, ''मोदी सरकार ने विपक्षी राज्यों में मामलों की जांच के लिए तुरंत केंद्रीय एजेंसियों को तैनात करती है लेकिन मणिपुर में कोई केंद्रीय एजेंसी शामिल तक नहीं है क्योंकि ये एजेंसियां अब अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के बजाय राजनीतिक प्रतिशोध का साधन बन गई हैं.''


कब की है बुजुर्ग महिला को जलाने वाली घटना?


साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में जिस बुजुर्ग महिला के साथ घटी नृशंस घटना का जिक्र किया, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह 28 मई को काकचिंग जिले के सेरौ गांव में अंजाम दी गई थी. कथित तौर पर मणिपुर इंटरनेशनल यूथ सेंटर (MIYC) ने घटना के बारे में बताया था. जान गंवाने वाली महिला का नाम सोरोखैबम इबेटोम्बी (Sorokhaibam Ibetombi) था. घर के सभी दरवाजे बंद थे और महिला अंदर जली हुई पाई गई थी. 






स्वतंत्रता सेनानी पति को राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित


एचटी की एक रिपोर्ट में कुछ रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा गया है कि बुजुर्ग महिला के पति एस चुराचांद सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सम्मानित भी किया था. इस घटना के बारे में मणिपुर सरकार या राज्य की पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया है.


करीब ढाई महीने पहले शुरू हुई थी हिंसा


बता दें कि 19 जुलाई को 4 मई की एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आने पर देशभर में तनाव फैल गया, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर हिंसक भीड़ ने परेड कराई और उनके साथ यौन हिंसा को अंजाम दिया. 


मणिपुर में 3 मई से हिंसक झड़पें शुरू हुई थीं. मेइती समुदाय की ओर से एसटी दर्जे की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकता मार्च निकाला गया था, उसके बाद हिंसा फैल गई. तब से अब तक राज्य में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग हिंसा में जान गंवा चुके हैं.


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