गोवा में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई है. दरअसल TMC ने गोवा के राज्यपाल से संपर्क कर सीएम प्रमोद सावंत के इस्तीफे के साथ बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है. पणजी में टीएमसी सांसद प्रो सौगत रॉय ने कहा, "हमने गोवा के राज्यपाल को दो ज्ञापन सौंपे हैं. एक गोवा के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक द्वारा सीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में है और दूसरा सिद्धि नाइक की मृत्यु के बारे में है."


 






दरअसल गोवा के पूर्व राज्यपाल और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल के रूप में कार्यरत सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) का मानना है कि गोवा में बहुत भ्रष्टाचार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए. सत्यपाल मलिक ने कहा, "गोवा में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के बाद मुझे हटा दिया गया था. जबकि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों ने प्रधानमंत्री से कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी." उन्होंने कहा कि, 'गोवा में बीजेपी सरकार कोविड से ठीक तरह से नहीं निपट पाई और मैं अपने इस बयान पर कायम हूं. उन्होंने कहा कि गोवा में जो कुछ भी किया गया उसमें भ्रष्टाचार था. गोवा सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से मुझे हटा दिया गया. मैं लोहियावादी हूं, मैंने चरण सिंह के साथ वक्त बिताया है. मैं भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकता.'


भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच की मांग


वहीं गोवा (Goa) की बीजेपी सरकार (BJP Government) पर निशाना साधते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने कहा, "बीजेपी द्वारा नियुक्त राज्यपाल ने एक विस्फोटक बयान दिया है कि गोवा सरकार और गोवा के मुख्यमंत्री सड़क हो या कोविड हर क्षेत्र में भ्रष्ट सरकार चलाते हैं. तृणमूल अगले 72 घंटों में सीएम के इस्तीफे और एक सेवानिवृत्त एससी न्यायाधीश के साथ सभी भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच की मांग करती है. ”


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