संदेशखाली को लेकर क्यों आमने-सामने हैं टीएमसी और बीजेपी? जानें ममता बनर्जी की पार्टी से फरार शेख शाहजहां का संबंध
Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कई महिलाएं टीएमसी नेता शेख शाहजहां के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रही हैं. संदेशखाली में तनाव के बीच टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने हैं.
BJP Vs TMC On Sandeshkhali: लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. देशभर में चुनावी माहौल गर्म है लेकिन पश्चिम बंगाल की सियासत उबाल मार रही है. इसकी वजह नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली के टीएमसी नेता शेख शाहजहां हैं, जिन पर रेप, जमीन कब्जाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
शाहजहां फरार हैं और यह मामला बीजेपी और टीएमसी के बीच जंग की नई वजह बन गया है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि शेख शाहजहां ममता बनर्जी के करीबी हैं, इसीलिए उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. संदेशखाली मुद्दे को महिलाओं के सम्मान से जोड़कर बीजेपी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है.
संदेशखाली जा रही बीजेपी की टीम को रोका गया
शुक्रवार (16 फरवरी) को बीजेपी ने संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने और उनका दर्द जानने के लिए एक टीम रवाना की. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी की अगुवाई वाली इस टीम में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल थे. ये सभी कोलकाता से संदेशखाली के लिए निकले लेकिन रास्ते में रामपुर में पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इसे लेकर बीजेपी नेताओं और पुलिसवालों में कहासुनी भी हुई.
फैक्ट जानने के लिए जाना चाहते हैं- बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल
बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा, ''महिलाओं के साथ अगर वहां पर गलत हो रहा है और हम फैक्ट जानने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको दिक्कत क्या है उस पर? आप भी हमारे साथ ही चलें और आपको लगता है कुछ गलत हो रहा है तो हमें वापस कर दें. आप हमारे साथ चलिए.''
बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा, ''हम लोग वहां क्या दंगा करने जा रहे हैं, हमारे साथ दो मंत्री हैं और सभी महिलाएं हैं और ऐसे हालात में आप हमें रोक रहे हैं.''
रोके जाने पर रामपुर में बीजेपी नेताओं ने दिया धरना
बीजेपी नेताओं की इन बातों से पुलिस पुलिस टस से मस नहीं हुई. इसके बाद बीजेपी नेता रामपुर में ही धरने पर बैठ गए और जुबानी जंग का दूसरा राउंड शुरू हो गया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि बंगाल की पुलिस टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह बर्ताव कर रही है तो तृणमूल कांग्रेस की तरफ से भी पलटवार किया गया. पहले जानते हैं कि बीजेपी सांसद बृजलाल ने क्या कहा.
शाहजहां शेख पर बरसे सांसद बृजलाल
राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा, ''पूरा देश, दुनिया देख रही है. यहां सेंट्रल मिनिस्टर सड़क पर बैठे हैं. जाने नहीं दिया जा रहा है जिससे उनके पाले हुए गुंडे, गैंगलीडर शाहजहां शेख के ऑर्गनाइज्ड क्राइम को न देख सकें. पीड़ित बेटियों से मैंने व्हाट्सएप कॉल पर बात की. उनसे मिल न सकें, उनका दुख दर्द न सुन सकें. जहां उनके साथ ऑर्गनाइज्ड तरीके से रेप हो रहा था.''
टीएमसी का बीजेपी पर पलटवार
टीएमसी ने भी पलटवार किया और बीजेपी को मणिपुर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, ''नड्डा जी को यूपी, एमपी, त्रिपुरा, मणिपुर और बिहार में प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए. क्या बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर गया? पश्चिम बंगाल पूरे देश में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य है और केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट भी यही कहती है.'' मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कई आरोप लगाने के बाद बीजेपी की टीम कोलकाता लौटी और राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस से मिलने गई.
अधीर रंजन चौधरी को भी रोका गया
जिस वक्त बीजेपी की टीम लौटकर कोलकाता आ रही थी, करीब-करीब उसी समय बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी संदेशखाली पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें भी रास्ते में रोक दिया गया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई लेकिन अधीर रंजन चौधरी आगे नहीं बढ़ पाए. इसके बाद वो भी धरने पर बैठ गए.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''संदेशखाली की महिलाओं को रात के अंधेरे में डराकर, उनके पति-बेटों को मार-पीटकर, उन्हें पार्टी कार्यालय ले जाया जाता है. क्या वो बंगाल की महिलाएं नहीं हैं? आप बंगाली क्वीन ऑफ क्रुएल्टी हैं.''
सवाल यह है कि संदेशखाली में ऐसा क्या है कि वहां विरोधी दल के किसी नेता को पहुंचने नहीं दिया जा रहा है, जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है. क्या वाकई ममता बनर्जी रेप के आरोपी शेख शाहजहां को बचाने की कोशिश कर रही हैं? तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए ममता बनर्जी की टीएमसी से शेख शाहजहां का संबंध समझना होगा.
ममता बनर्जी की टीएमसी से शेख शाहजहां का संबंध
- शेख शाहजहां ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेता हैं. वह 2016 में ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हुए थे.
- शेख शाहजहां को टीएमसी नेता ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी बताया जाता है.
- फिलहाल वो संदेशखाली ब्लॉक-1 के टीएमसी अध्यक्ष हैं.
- शेख शाहजहां जिला परिषद सदस्य भी है. इस पद पर वह टीएमसी के टिकट पर ही चुने गए थे.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में बशीरहाट सीट से नुसरत जहां को जिताने में शेख शाहजहां की बड़ी भूमिका मानी जाती है.
पहले लेफ्ट की राजनीति करते थे शेख शाहजहां
बशीरहाट के मुस्लिम मतदाताओं पर पकड़ रखने वाले शेख शाहजहां टीएमसी में शामिल होने से पहले लेफ्ट की राजनीति करते थे. सीपीएम ने शेख शाहजहां को ईंट-भट्ठा यूनियन का नेता बनाया था. इसके बाद उनका धंधा फैलता गया. आरोप है कि उन्होंने मछलियों के कारोबार से लेकर जमीन की दलाली तक की और मोटा पैसा कमाया लेकिन 2011 में बंगाल की सत्ता बदल गई. ममता बनर्जी पावर में आईं तो शेख शाहजहां ने भी पाला बदल लिया. वह लेफ्ट को छोड़कर ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए. शेख शाहजहां पर आरोपों की लिस्ट लंबी है.
- आरोप है कि शेख शाहजहां बांग्लादेश से घुसपैठियों की एंट्री करवाते हैं.
- इल्जाम यह भी है कि शेख शाहजहां गरीबों की जमीन हथिया लेते हैं.
- शेख शाहजहां और उनके लोगों पर जबरन महिलाओं को उठाने का भी आरोप है.
- आरोप है कि वह और उनके लोग किडनैप की गई महिलाओं का शोषण करते हैं.
क्या ईडी के कारण के कारण फरार हैं शेख शाहजहां?
फिलहाल शेख शाहजहां फरार हैं, जिसकी वजह प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक्शन मानी जा रही है. दरअसल 5 जनवरी को ईडी की टीम कथित चावल घोटाले के मामले में शेख शाहजहां के ठिकाने पर छापा मारने निकली थी लेकिन रास्ते में अधिकारियों और सुरक्षाबल के जवानों पर हमला हो गया. उनसे मारपीट की गई. आरोप है कि ईडी की टीम पर यह हमला शेख शाहजहां ने ही करवाया था. इसके बाद ईडी ने सख्ती दिखाई. शेख शाहजहां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया. तब से शेख शाहजहां फरार हैं और अब महिलाएं उन पर आरोप लगा रही हैं.
इस बीच ममता बनर्जी पर शेख शाहजहां के खिलाफ एक्शन का दबाव बढ़ रहा है. बीजेपी इस मुद्दे को हवा दे रही है. लोकसभा चुनाव करीब है, इसलिए वो महिला मुख्यमंत्री को महिला अस्मिता के नाम पर ही घेर रही है.
सीएम एक महिला हैं लेकिन फिर भी...- केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक
केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने कहा, ''सबसे बड़ी दुख की बात ये है कि यहां की सीएम एक महिला हैं लेकिन फिर भी महिलाओं के ऊपर जो अत्याचार हो रहे हैं वो अत्यंत निंदनीय है. आज जो संदेशखाली में हो रहा है वो देश के किसी भी प्रदेश में कोई पार्टी ऐसा नहीं करती है. ऐसी पार्टी को वोट मांगने का कोई हक नहीं है.''
दूसरी तरफ ममता बनर्जी हैं जो राजनीति की माहिर खिलाड़ी मानी जाती हैं. वह जानती हैं कि अगर संदेशखाली के नाम पर वह झुकीं तो उन्हें चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सीएम ममता बनर्जी का बीजेपी पर निशाना
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ''जो लोग अपने चेहरे पर मास्क पहनते हैं और बाहर से आकर समस्या पैदा करते हैं उनमें से कई को गिरफ्तार किया जा चुका है. 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.''
राजनीति में कोई बात बेवजह नहीं होती है. बीजेपी पर सीएम ममता बनर्जी के काउंटर अटैक के पीछे भी सॉलिड वजह मानी जा रही है. पश्चिम बंगाल में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 27 फीसद है. संदेशखाली मामले के आरोपी शेख शाहजहां इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और मुस्लिम मतदाताओं का बड़ा तबका ममता बनर्जी के पक्ष में वोट करता रहा है. इसे बंगाल के वोटिंग पैटर्न से समझिए.
टीएमसी को मिले मुस्लिम वोटों का कब कैसा रहा प्रतिशत?
- 2006 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 22% मुस्लिम वोट मिले थे.
- 2011 के चुनाव में यह बढ़कर 35% हो गया.
- 2014 के लोकसभा चुनाव में यह 40% हो गया.
- 2016 के चुनाव में यह 51% हुआ.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में यह 70% तक तक पहुंचा.
- 2021 के विधानसभा चुनाव में इसने 79% का आंकड़ा छू लिया.
ममता बनर्जी की राजनीति पर बीजेपी का निशाना
पहले बंगाल के मुस्लिम मतदाता आम तौर पर कांग्रेस का साथ देते थे लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि मुस्लिम वोटर्स के बीच ममता बनर्जी का जनाधार लगातार बढ़ा है. इसलिए वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती हैं जिससे मुस्लिम मतदाताओं के छिटकने का खतरा हो. माना जा रहा है कि संदेशखाली के जरिये बीजेपी ममता बनर्जी की इसी सियासत पर निशाना साध रही है.
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