(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीएम मोदी के ‘कोई भी भारत की सीमा में नहीं घुसा’ वाले बयान पर PMO की सफाई, कहा- विवाद पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण
पीएमओ ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है.पीएम मोदी के बयान पर अब कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष हमलावर है. विपक्ष गलवान घाटी पर चीन के दावे को लेकर सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहा है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘’कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया है.’’ पीएम मोदी के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसको लेकर पीएम मोदी पर निशाना भी साधा. अब पीएमओ ने सफाई देते हुए कहा है कि पीएम की टिप्पणी पर इस तरह से विवाद पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
पीएमओ ने क्या कहा है?
पीएमओ ने कहा है, ‘’पीएम मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़ी हैं. सैनिकों के बलिदानों ने ढांचागत निर्माण और 15 जून को गलवान में अतिक्रमण की चीन की कोशिशों को नाकाम कर दिया.’’
पीएमओ ने आगे कहा, ‘’यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है, जब वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं. सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी, जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी.’’ पीएमओ ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री का स्पष्ट रुख है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से जवाब दिया जाएगा.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
दरअसल, भारत-चीन के बीच जारी तनाव को लेकर कल पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा था, ''ना हमारी सीमा में कोई घुसा और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.'' इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन संप्रभुता को कायम रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. हमने सेना को खुली छूट दे रखी है.
पीएम के इस बयान पर विवाद क्यों हो रहा है?
पीएम मोदी के इस बयान पर अब कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष हमलावर है. विपक्ष गलवान घाटी पर चीन के दावे को लेकर सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पूछा है कि अगर किसी चीनी सैनिक ने एलएसी पार नहीं की और भारतीय सीमा में नहीं घुसा तो पांच-छह मई को दोनों सेनाओं का आमने-सामने आना क्या था? पांच मई से छह जून के बीच स्थानीय भारतीय कमांडर अपने चीन समकक्षों के साथ किन मुद्दों पर बात कर रहे थे? छह जून को देनों देशों के कोर कमांडर स्तर की बातचीत के दौरान किस विषय पर बात हुई?’’ चिदंबरम ने यह भी पूछा, ‘‘ अगर कोई चीनी सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ तो 15-16 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प कहां हुई? 20 भारतीय सैनिक कहां शहीद हुए? अगर चीनी सैनिक भारतीय सीमा में नहीं घुसे थे तो फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान में पूर्व यथास्थिति की बहाली की बात क्यों हुई?’’ हमारे सैनिकों ने क्यों और कहां बलिदान दिया?’’ यह भी पढें- LG के फैसले पर केजरीवाल ने जताया विरोध, पूछा- देश के लिए अलग, दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों? 'गरीब कल्याण योजना' की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, जानें क्या कहा है