गांधीनगर:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार फॉरेंसिक विशेषज्ञों से कहा कि वे बलात्कार के मामलों में पीड़ित पक्ष को इंसाफ दिलाने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी अपनाएं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने फॉरेंसिक जांच में डीएनए टेक्नोलॉजी की अहमियत के मद्देनजर डीएनए टेक्नोलॉजी (उपयोग और अनुप्रयोग) नियमन विधेयक-2018 को मंजूरी दी है.


गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने यहां कहा, ‘मैं फॉरेंसिक विशेषज्ञों से अपील करता हूं कि डीएनए प्रोफाइलिंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर न्यायपालिका की मदद करें ताकि बलात्कार के जघन्य मामलों के दोषियों को तत्काल दंडित किया जा सके और पीड़ितों को इंसाफ दिलाया जा सके.’


अपने भाषण के दौरान मोदी ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार और बर्बरता के मामले में सत्र अदालत द्वारा हाल में दो लोगों को फांसी की सजा सुनाए जाने का संदर्भ दिया. मोदी ने कहा,आपने हाल ही में देखा होगा कि मंदसौर बलात्कार मामले में अदालत ने दो महीने के कम समय में सुनवाई पूरी की और दो राक्षसों के खिलाफ फैसला सुनाया. ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ अन्य मामलों में भी हुआ है.'


उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि इंसाफ दिलाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अपराध के तेजी से बदलते परिदृश्य से निपटने की खातिर आपको नई टेक्नोलॉजी विकसित करनी होगी जिससे सुनिश्चित हो सके कि अपराधी बच नहीं पाएं.’उन्होंने कहा कि अपराधी और अपराध करने का उनका तरीका लगातार बदल रहा है.



मोदी ने कहा, ‘फॉरेंसिक सांइस, पुलिस और अदालत न्याय देने के लिए तीन अहम स्तंभ हैं, ताकि नागरिक सुरक्षित महसूस करें और अपराध को काबू में 
रखा जा सके.’उन्होंने कहा कि गुजरात ने इन तीन क्षेत्रों को विकसित करने में समग्र रुख अपनाया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय विधि यूनिवर्सिटी और गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना इस दिशा में उठाए गए कदम हैं.’ उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है जीएफएसयू ने काफी कम समय में शैक्षणिक उत्कृष्टता का इतना बड़ा मानक हासिल किया कि उसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं मान्यता परिषद (नैक) ने ए ग्रेड से नवाजा है.