नई दिल्ली: नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 100 वां दिन है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है. राकेश टिकैत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार कहीं खो गई है. हम पार्लियामेंट में जाकर ही अपनी फसल बेचेंगे.


कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को लामबंद करने के लिए तमाम राज्यों में राजनीतिक दलों के नेताओं ने गैर-राजनीतिक किसान महापंचायत और चौपाल के आयोजन का सिलसिला शुरू कर दिया है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव आज अलीगढ़ के टप्पल में महापंचायत को संबोधित करेंगे. ये महापंचायत दोपहर 1 बजे होगी.


MP में शुरू हुआ किसान महापंचायत और चौपाल का दौर
मध्य प्रदेश में खास तौर पर कांग्रेस के नेता महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं. राज्य के रतलाम जिले में बुधवार और गुरुवार को किसान महापंचायत और चौपाल का आयोजन किया गया. इस महापंचायत और चौपाल में केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले गए. मंच पर किसान नेताओं ने अपनी बात कही और केंद्र के कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताया. साथ ही आंदोलन और संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया. इन महापंचायत और चौपाल में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव और किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी मौजूद रहे.


महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता चढूनी ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानूनों के तहत विदेशी फसलें भारत में यहां के किसानों की उपज की कीमत पर बेची जाएंगी. उन्होंने कहा, 'इन कानूनों के लागू होने से किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और वह अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर होगा.' चढूनी ने कहा कि यह देश के लोगों और कॉर्पोरेट के बीच की लड़ाई है.


"सरकार कानूनों में सुधार के जरिये कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ा रही"
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि सरकार, कानूनों में सुधार के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ा रही है. सरकार की कोशिश कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की है. मंत्री ने कहा कि सरकार देश के खेती और ग्रामीण क्षेत्र के विकास और मजबूती पर ध्यान केंद्रित कर रही है. मंत्री एशिया प्रशांत ग्रामीण एवं कृषि ऋण संघ और नाबार्ड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.


तोमर ने कहा, "कानूनों में सुधार के माध्यम से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है." उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार भारत के ग्रामीण और कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जो अर्थव्यवस्था का आधार है.


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