एक्सप्लोरर

आज है महान क्रांतिकारी चम्पक रमन पिल्लई की 131वीं जयंती, विदेश में रहते हुए लड़ी थी देश की आजादी की लड़ाई

चम्पक पिल्लई उन महान क्रांतिकारियों में गिने जाते हैं जिन्होंने देश की आजादी की खातिर अपने प्राणों की आहुति दी थी. विदेश में रहते हुए उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी थी.

राजनैतिक कार्यकर्ता और क्रांतिकारी रहे चम्पक रमन पिल्लई की आज 131वीं जयंती है. उन्होंने ज्यूरिख में इंटरनेशनल प्रो-इंडिया कमेटी का गठन किया और सुभाषचंद्र बोस जैसे राष्ट्रवादियों के साथ काम किया था. वैसे तो उनका जन्म भारत में हुआ था लेकिन उन्होंने अपनी लाइफ का ज्यादातर समय जर्मनी में ही बिताया.

पिल्लई उन महान क्रांतिकारियों में गिने जाते हैं जिन्होंने देश की आजादी की खातिर अपने प्राणों की आहुति दी थी. विदेश में रहते हुए उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी थी और एक विदेशी ताकत के साथ मिलकर भारत में अंग्रेजों की हुकुमत को नेस्तनाबूत करने का प्रयास किया था.

केरल के त्रिवेंद्रम में हुआ चम्पक पिल्लई का जन्म

चम्पर रमन पिल्लई का जन्म 15 सितंबर 1891 को केरल के त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) में हुआ था. उनके पिता का नाम चिन्नास्वामी पिल्लई था और उनकी माता का नाम नागम्मल था. चम्पक पिल्लई की प्रारंभिक और स्कूली शिक्षा तिरुवनंतपुरम के थैकोड़ के मॉडल स्कूल में हुई थी. स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात एक ब्रिटिश जीव वैज्ञानिक सर वाल्टर स्ट्रिकलैंड से हुई थी. सर वाल्टर वनस्पतियों के सैंपल के लिए तिरुवनंतपुरम आया-जाया करते थे. अपने एक दौरे के दौरान उन्होने चम्पक और उनके भाई पद्मनाभा पिल्लई को साथ आने का न्यौता दिया और बस वे उनके साथ चल दिए. हालांकि पद्मनाभा पिल्लई कोलम्बों से ही वापस आ गए लेकिन चम्पक यूरोप चले गए. इसके बाद वाल्टर ने उनका एडमिशन आस्ट्रिया के एक स्कूल में करा दिया जहां से चम्पक ने हाई स्कूल की शिक्षा ली थी.


आज है महान क्रांतिकारी चम्पक रमन पिल्लई की 131वीं जयंती, विदेश में रहते हुए लड़ी थी देश की आजादी की लड़ाई

'इंटरनेशनल प्रो इंडिया' कमेटी की स्थापना की

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद चम्पक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए टेक्निकल इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले लिया था. उस दौरान चम्पक ने 'इंटरनेशनल प्रो इंडिया' कमेटी की स्थापना की थी जिसका हेडक्वार्टर ज्यूरिख में रखा गया था. इसी समय में जर्मनी के बर्लिन शहर में कुछ प्रवासी भारतीयों ने इंडियन इंडिपेंडेंस कमेटी का गठन किया था. अक्टूबर 1914 में चम्पक बर्लिन पहुंचे और यहां बर्लिन कमेटी के मेंबर बन गए थे, बाद में उन्होंने इसे इंटनेशनल प्रो इंडिया कमेटी के साथ मर्ज भी कर दिया. इस समीति का उद्देश्य यूरोप में स्वतंत्रता से जुड़ी हुई सभी क्रांतिकारी गतिविधियों पर नजर रखना था. लाला हरदयाल भी बाद में इस आंदोलन में सम्मिलित हो गए थे. कुछ समय बाद ही इसकी शाखाएँ अम्स्टरडैम, स्टॉकहोम, वाशिंगटन, यूरोप और अमेरिका के कई शहरो में फैल गई.

चम्पक ने ए रमन पिल्लई के साथ मिलकर समिति में काफी काम किया. बाद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पिल्लई से मिले. ऐसा कहा जाता है कि 'जय हिंद' का नारा पिल्लई के ही दिमाग से निकला था. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार हुई लेकिन पिल्लई जर्मनी में ही रहे . जब नेताजी विएना गए उस दौरान पिल्लई ने उन्हें अपनी योजना के बारे में बताया.

भारत की अस्थायी सरकार में विदेश मंत्री रहे

राजा महेंद्र प्रताप और मोहम्मद बरकतुल्लहा ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारत की एक अस्थायी सरकार की स्थापना 1 दिसंबर 1915 को की थी. महेंद्र प्रताप इसके राष्ट्रपति बने थे और बरकतुल्लाह प्रधानमंत्री बने. पिल्लई को इस सरकार में विदेश मंत्री का कार्यभार सौपा गया था. लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार के साथ अंग्रेजों ने इन क्रांतिकारियों को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया था.

1934 को हुई थी मृत्यु

सन 1931 में चम्पक पिल्लई ने मणिपुर की लक्ष्मीबाई से विवाह किया था. लेकिन विवाह के बाद ही चम्पक बीमार पड़ गए थे. इलाज के लिए उन्हें इटली जाना पड़ा था. लेकिन वह ठीक नहीं हो पाए और 28 मई 1934 को बर्लिन में उनकी मृत्यु हो गई थी. उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई उनकी अस्थियों को भारत लेकर आई थीं जिन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ कन्याकुमारी में विसर्जित किया गया था.

ये भी पढ़ें

आतंकी साजिश के पाक कनेक्शन का खुलासा, जहां कसाब की हुई थी ट्रेनिंग वहीं सिखाया गया था आतंक का पाठ

Delhi ISI Terror Module Live: गिरफ्तार आतंकियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे, जानिए कैसे ली थी ट्रेनिंग

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget