1 फरवरी यानी आज अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला की पुण्यतिथि है. ये दिन नासा और सारी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए काफी दुखद दिन है. दरअसल साल 2003 में आज ही के दिन अमेरिका का अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद धरती के वातावरण में वापस लौटने के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में यान में सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी. भारत की महिला अंतिरक्ष यात्री कल्पना चावला भी इस हादसे का शिकार हुई थीं.
कल्पना चावला की 18वीं पुण्यतिथि आज
1962 में हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं चावला 20 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करने के बाद अमेरिका चली गईं और 1984 टेक्सस यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की. 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया. अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की. वो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई. कल्पना चावला की 18 वीं पुण्यतिथि पर उनके बारे में कुछ अनसुने तथ्यों के बारे में जानें.
1-12 मई, 2004 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कल्पना चावला की स्मृति को सम्मानित करने के लिए एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया था. SGI Altix 300 सुपर कंप्यूटर का उपयोग ECCO के फ्रेमवर्क में हाई रिज़ॉल्यूशन महासागर विश्लेषण देने के लिए किया गया.
2-चावला की अंतिम इच्छा के मुताबिक उनके नश्वर अवशेषों का अंतिम संस्कार अमेरिका के उटाह के सियोन नेशनल पार्क में किया गया था.
3- कल्पना चावला अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था. कल्पना में 8वीं क्लास के दौरान ही अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह डॉक्टर या टीचर बनें.
4- अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. चावला 20 साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका चली गई थीं और दो साल बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उन्होंने मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की.
5- स्कूलिंग के दौरान चावला को कविता के साथ-साथ डांस करने का भी शौक था. एक बच्चे के रूप में, वह हवाई जहाज की उड़ान को देखकर रोमांचित हो जाती थीं और अपने पिता के साथ स्थानीय फ्लाइंग क्लब में जाया करती थीं.
6- चावला के निधन के बाद उनके सम्मान में कई विश्वविद्यालयों, छात्रवृत्ति और यहां तक कि सड़कों का नामकरण किया गया. पिछले साल सितंबर में यूएस स्थित एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने अपने स्पेसशिप का नाम चावला के नाम पर रखा था.
7-अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की. वो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई.
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