नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह की स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरूवार से लद्दाख के दौरे पर हैं. चीन के साथ बढ़े सीमा तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख फील्ड कमांडरों के साथ तैनाती और तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इस दौरान वे LAC पर रणीतिक ढ़ांचागत परियोजनाओ का भी समीक्षा करेंगे.
गुरूवार को आर्मी चीफ ने कुछ फारवर्ड लोकेशनों का भी दौरा किया था, जिनके नाम सेना ने नहीं बताए है. अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे. सेना प्रमुख के इस दौरे से पहले बुधवार को वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पूर्व कमान का दौरा किया था.
वायुसेना प्रमुख ने चीन सीमा से सटे उत्तर पूर्व राज्य सिक्किम, असम, अरुणाचल, मेघालय के वायुसेना की कॉम्बैट यूनिट्स की आपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया था.
सीमा पर शांति के लिए गंभीरता से काम करे चीन- भारत
चीन के जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगे का रास्ता कूटनीतिक और सैन्य वार्ता है. हम शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. हम मजबूती के साथ चीन से ये कहना चाहते हैं कि वह डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन के जरिए सीमा पर शांति बहाल करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम करे. जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए.
बातचीत की मेज पर पलट चुका है शर्तों का पासा
लद्दाख में पेंगोंग झील के दक्षिणी मोर्चे पर मिले करारे झटके ने चीन की हेकड़ी निकाल दी है. दिखावे के लिए चीन भले ही त्यौरियाँ चढ़ा रहा हो लेकिन गलवान घाटी के बाद पेंगोंग के करीब पहाड़ी मोर्चों पर मिली शिकस्त ने उसके सैन्य तंत्र को झकझोर दिया है. इतना ही नहीं ब्रिगेडियर स्तर बातचीत के दौरान भी भारत अब चीन की शर्तों पर राजी होने की बजाय अब अपने मुद्दे मनवाने पर है.
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