नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन के समय पुलिस ने छात्रों पर कार्रवाई की. इसको लेकर विपक्ष की कई पार्टियां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी.
तमाम विपक्ष के नेताओं ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के ना सिर्फ यूनिवर्सिटी परिसर में बिना इजाजत घुस कर छात्रों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया था बल्कि इसके लिए सीधा गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया था. विपक्ष का आरोप है कि ऐसी कार्रवाई सीधे केंद्र सरकार की शह पर की गई. आज कांग्रेस के नेतृत्व में शाम 4.30 पर विपक्ष की तमाम पार्टियां राष्ट्रपति से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगी. विपक्ष के इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अलावा वाम दल, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस पार्टी, एनसीपी और कुछ अन्य दल भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि इसमें मायावती की बीएसपी शामिल नहीं होगी और बीएसपी ने राष्ट्रपति से अलग से मिलने का समय मांगा है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बिल के खिलाफ रविवार से पहले सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर और नागालैंड से हिंसा की खबरे सामने आई थीं, लेकिन रविवार को शाम होते-होते देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी. यहां विरोध प्रदर्शन के बीच तीन सरकारी बसें जला दी गईं साथ ही कई बाइक्स को भी आग के हवाले कर दिया गया.
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