नई दिल्ली: देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा. इससे पहले देश के चार राज्यों के दो-दो ज़िलों में वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए ड्राई रन किया गया था. हालांकि आज सभी राज्य सरकारें अपने यहां सेलेक्टेड साइट्स पर ड्राई रन कर तैयारियों को परखेंगी.


ये ड्राई रन कम से कम 3 सेशन साइटों में सभी राज्य की राजधानियों में आयोजित करने का प्रस्ताव है. वहीं कुछ राज्यों में ऐसे जिले भी शामिल होंगे जो दूर दराज इलाके में हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र और केरल में राजधानी के अलावा अन्य प्रमुख शहरों में भी ड्राई रन का कार्यक्रम होगा. सभी राज्यों में होने वाले ड्राई रन 20 दिसंबर 2020 को मंत्रालय द्वारा जारी ऑपरेशनल गाइडलाइन के अनुसार होंगी.


हर तीन सेशन साइट के लिए संबंधित चिकित्सा अधिकारी प्रभारी यानी चीफ मेडिकल ऑफिसर 25 परीक्षण लाभार्थियों (हेल्थकेयर वर्कर्स) की पहचान करेंगे. राज्यों को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इन लाभार्थियों का डेटा CoWin में अपलोड किया गया हो. ये लाभार्थी ड्राई रन के लिए सेशन साइट पर भी उपलब्ध होंगे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्थ केयर वर्कर लाभार्थियों के डेटा को अपलोड करने सहित CoWin एप्लीकेशन पर बनाए जाने वाले सुविधाओं और उपयोगकर्ताओं को तैयार करेंगे.


ड्राई रन उसी तरह होगा, जिस तरह वैक्सीन आने पर टीकाकारण के बारे में प्लान किया गया है या जैसे वैक्सीन लगाई जाएगी. इस ड्राई रन में वैक्सीन नहीं दी जाएगी, सिर्फ लोगों का डेटा लिया जाएगा और उसे coWin एप पर अपलोड किया जाएगा. माइक्रो प्लानिंग, सेशन साइट मैनेजमेंट और ऑनलाइन डेटा सिक्योर करने जैसी कई चीजों का परीक्षण होगा.


इसके अलावा टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं (AEFI- Adverse event following immunization) यानी एडवरस इफेक्ट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन के प्रबंधन पर ड्राई रन का एक महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित किया जाएगा. वैक्सिनेशन के लिए लगभग 96 हज़ार वैक्सीनेटरों को ट्रेनिंग दी गई है. प्रशिक्षकों के राष्ट्रीय प्रशिक्षण में 2 हज़ार 360 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है और 719 जिलों में जिला स्तर के प्रशिक्षण में 57 हज़ार से ज्यादा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है.


'कोविशील्ड' वैक्सीन को मंज़ूरी देने की सिफारिश
शुक्रवार को CDSCO के एक्सपर्ट पैनल ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंज़ूरी देने की सिफारिश की. कमेटी के इस फैसले से भारत को कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी पहली वैक्सीन मिलने का रास्ता लगभग तया माना जा रहा है. 'कोविशील्ड' वैक्सीन का निर्माण भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है.


आपकतो बता दें कि तीन वैक्सीन कंपनियों ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति मांगी थी. इनमें फाइजर, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया शामिल है. अब सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर डीसीजीआई अपना फैसला लेंगे.


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