Tomato Prices Increased: उत्तर भारत में टमाटर के दाम में अचानक उछाल आ गया है. टमाटर का दाम बढ़ना सबसे चौंकाने वाला है. हाल ही के दिनों में टमाटर 10 से 15 रुपये तक बिक रहा था. वह अब 80 से 100 और कुछ राज्यों में तो 120 के पर पहुंच गया ह. देसी टमाटर 60 से 70 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में सवाल ये कि आखिर टमाटर इतना महंगा क्यों हो गया है. इसकी पड़ताल करने के लिए एबीपी न्यूज़ कर्नाटक के कोलार पहुंचा. कोलार टमाटर के लिए जाना जाता है और देश भर में अधिकतर टमाटर कोलार से ही जाते हैं. या ये कहे कि नासिक और कोलार तो ऐसे हब है जो देश में टमाटर की जरूरत को पूरा करते हैं. ऐसे में क्या कारण है कि सोने की खान के लिए मशहूर कोलार ने इन दिनों टमाटर सोने के भाव बिक रहा है?


टमाटर की खेती करने वाले महेश का कहना है कि अमूमन अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से यहां बारिश नहीं होती. जब नासिक की उपज पूरी होती है तो यहां टमाटर उगने शुरू होते हैं. ऐसे में इस बार भी बड़ी उम्मीद के साथ किसानों ने अपने खेतों में टमाटर उगाए. लेकिन दक्षिण भारत में हाल ही के दिनों ने हुई भारी बारिश के उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया और कुछ इस तरह टमाटर को बर्बाद कर दिया. चारों तरफ जमीन पर गिरे ये टमाटर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बारिश ने किस कदर किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया है. 


कई बार तो सही कीमत नहीं मिलने के कारण हताश किसान अपनी उपज को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो जाते हैं. कभी 2 रुपए प्रति किलो भी कोई न खरीदने वाले टमाटर आज आम आदमी की थाली से मानो गायब है. वहीं अब खरीददार इसे 100 रुपए प्रति किलो खरीद रहे हैं.


किसान महेश का कहना है कि किसानों को प्रति किलो 50 मिलते हैं और पाशा मंडी से 100 रुपए प्रति किलो में खरीद रहे हैं. तो जाहिर सी बात है कि एक बड़ी रकम बीच में बिचौलिए ले जा रहे हैं. इसके अलावा टमाटर मुहैया करने वाले कोलार में ही यदि यह दाम 100 प्रति किलो के खरीदे जा रहे है तो साफ है कि ट्रांसपोर्टेशन के साथ जब यह अलग-अलग राज्यों में पहुंचते हैं तो दाम इनके प्रति किलो 120-130 के पार पहुंच रहे हैं. 


A ग्रेड के टमाटर की एक पेटी जिसमे 15 किलों आते है उसका दाम 1000 से लेकर 1500 रुपये तक है. प्रति किलो किसान 50-60 में रुपए बेच रहे हैं. जो कि उत्तर भारत तक पहुंचते-पहुंचते ₹120 प्रति किलो हो रहे हैं. वहीं इससे कम B ग्रेड वाले टमाटर प्रति पंद्रह किलो बॉक्स के 800 रुपए और C ग्रेड के प्रति पंद्रह किलो बॉक्स के 600 में बिक रहे हैं.


दरअसल, किसान अपनी उपज यानी टमाटर को मंडी तक पहुंचाते हैं. मंडी में इन टमाटरों की बोली लगती है और अलग-अलग राज्यों से आने वाले व्यापारी अपनी बोली लगाकर इन टमाटरों को खरीदते हैं. जिसका कुछ कमीशन बिचौलिए लेते हैं.  बाकी का खर्चा ट्रांसपोर्टेशन के लिए लग जाता है. यही कारण है कि किसानों से ₹50 प्रति किलो वाला टमाटर बिचौलियों की कमीशन और ट्रांसपोर्टेशन चार्जर्स के साथ ₹100 से ₹120 प्रति किलो हो जाता है.


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