नई दिल्ली: देश में महंगाई ने एक बार फिर जनता की कमर तोड़ दी है. बढ़ते सब्जियों के दाम से जनता त्रस्त है. इन दिनों टमाटर का रेट आसमान छू रहा है. दिल्ली की थोक मंडी में टमाटर का भाव 50 रुपये किलो के ऊपर पहुंच गया है. वहीं, खुदरे में टमाटर 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा है.

फिलहाल दाम कम होने के आसार नहीं

दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में सब्ज़ियों के एक दुकानदार ने बताया, ‘’पिछले कई दिनों से टमाटर का भाव 70 से 80 रुपए चल रहा है और अभी दाम कम होने के आसार नहीं हैं.’’ जानकारी के मुताबिक, टमाटर में इस तेजी आने की वजह सप्लाई का कम होना बताया जा रहा है.

दिल्ली की ओखला सब्जी मंडी में टमाटर के दाम करीब 50 रुपए किलो हो गए हैं, जो 15 दिन पहले 20 रुपए किलो हुआ करते थे. जबकि प्याज के दाम 50 से 55 किलो हो गए हैं. ओखला मंडी में काम करने वाले इस्माइल बताते हैं कि 15 दिन पहले प्याज के दाम 20 रुपये किलो थे. इस्माइल सब्जियों के बढ़ते दामों के पीछे जीएसटी का हवाला दे रहे हैं.

नवंबर में टमाटर के महंगे होने के पीछे क्या गणित है?

देश में सबसे ज्यादा टमाटर की पैदावार कर्नाटक, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में होती है. महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है. वहीं, खराब रास्तों की वजह से टमाटर मंडियों में देरी से पहुंच रहा है. इन्हीं वजहों से टमाटर के भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं.

आपको बता दें कि साल में दो बार देश में टमाटर का उत्पादन होता है. टमाटर की एक फसल फरवरी के आसपास बोई जाती है, वहीं दूसरी फसल अगस्त तक बोई जाती है, जो नवंबर में तैयार होती है. इससे साफ है कि जब तक टमाटर की जाड़े की फसल बाजार में नहीं आएगी, टमाटर महंगा होता रहेगा.