नई दिल्ली: टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि टूलकिट के जरिए डिजिटल स्ट्राइक की साजिश थी. भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का मकदस था. दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई थी. दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजी थी. पुलिस ने कहा कि टूलकिट के पीछे खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) है. पीजेएफ ने जूम पर मीटिंग की थी. दिशा, निकिता और शांतनु जूम पर मीटिंग में शामिल हुए थे. 26 जनवरी को हिंसा के बाद सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई गई.
दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि टेलीग्राम के जरिए दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम एप के जरिए टूलकिट भेजी थी. मकसद था कि भारत के दूतावास पर प्रदर्शन हो. निकिता के खिलाफ सर्च ऑपरेशन 9 फरवरी को लिया गया. 11 फरवरी को मुंबई में सर्च किया गया. मुंबई पुलिस को सूचित किया गया. महाराष्ट्र के बीड में पुलिस टीम गई. शांतनु बीड का रहने वाला है लेकिन वह घर से फरार है. पुलिस ने आग कहा कि निकिता इस टूलकिट की एडिटर है. 11 जनवरी को 2021 पोएटिक जस्टिस के साथ एमओ धालीवाल के साथ ज़ूम मीटिंग हुई थी.
बता दें कि जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट साझा किये जाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपी वकील निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बंबई हाई कोर्ट का रुख किया.
दिल्ली की एक कोर्ट ने इस मामले में जैकब और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे सम्पर्क में होने का आरोप है.
निकिता जैकब ने सोमवार को बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश पीडी नाइक की एकल पीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. हाई कोर्ट ने कहा कि वह मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगा. निकिता ने चार सप्ताह के लिये ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की है, ताकि वह दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिये संबंधित अदालत का रुख कर सके.
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