नई दिल्ली: टूलकिट कांड में एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलसा स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और बेंगलुरू से गिरफ्तार दिशा रवि को लेकर है. याद होगा आपको ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक टूलकिट शेयर करने के बाद उसे डिलीट कर दिया था क्योंकि उस टूलकिट में देश विरोधी कंटेट थे. इस टूलकिट को लेकर ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्स ऐप पर जो बातचीत हुई थी वो सामने आ गई है.


इस चैट में दिशा ग्रेटा को टूलकिट शेयर नहीं करने के लिए कह रही है. दिशा ने ग्रेटा को ये बताया है कि हमलोगों के खिलाफ UAPA कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. ABP न्यूज के पास चैट की पूरी कॉपी मौजूद है. दोनों के बीच करीब बीस मिनट तक व्हाट्सऐप पर बातचीत होती रही. इस चैट में दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग को ये भी भरोसा दिया कि उसपर कोई आंच नहीं आएगी.


ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच टूलकिट अपलोड होने के बाद क्या बात हुई
ग्रेटा-
बड़ा अच्छा होता अगर ये अभी तैयार होता, इसके चक्कर में मुझे कई धमकियां मिलती. इसने तो हंगामा खड़ा कर दिया


दिशा- SHIT, SHIT अभी भेज रही हूं. क्या तुम टूल किट को बिल्कुल ट्वीट नहीं कर सकती हो क्या अभी हम कुछ भी नहीं बोल सकते ? मैं वकीलों से बात करती हूं. I am sorry, इस पर हमारा नाम है और हमलोगों के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई हो सकती है. क्या तुम ठीक हो ?


ग्रेटा - मुझे कुछ लिखना है
दिशा - क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं
ग्रेटा - कई बार इस तरह की नफरत वाली आंधी आती है और ये वाकई जबरदस्त होती हैं
दिशा - पक्का, मुझे माफ करना, हम सब डर गए क्योंकि यहां हालात खराब होने लगे हैं. लेकिन हम ये सुनिश्चित करेंगे कि तुम पर आंच न आए.
हमें सभी सोशल मीडिया हैंडल को डिएक्टिवेट करना होगा.


टूलकिट कांड को लेकर दिल्ली पुलिस ने जूम को लिखी चिट्ठी
टूलकिट कांड को लेकर दिल्ली पुलिस ने जूम को चिट्ठी लिखी है. मीटिंग में शामिल लोगों के बारे में जूम से जानकारी मांगी गई है. टूलकिट कांड में ये बात सामने आई थी कि 11 और 22 जनवरी को निकिता जैकब, दिशा रवि, शांतनु समेत कई लोगों ने ज़ूम प्लेटफार्म पर मीटिंग की गई थी जिसमें किसान आंदोलन के जरिये देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ाने की बात हुई थी.


टूलकिट कांड में नए किरदार का खुलासा
टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने एक किरदार का खुलासा किया है. इस नए किरदार का नाम पीटर फैड्रिक है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीटर फैड्रिक इस पूरे टूलकिट मामले का मास्टरमाइंड है. जिस टूल किट को लेकर विवाद चल रहा है उसका नाम ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी रखा गया था. दिल्ली पुलिस का दावा है कि पीटर फैड्रिक साल 2006 से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है.


पुलिस के मुताबिक पीटर फैड्रिक बताता था कि सोशल मीडिया पर किसे है टैग करना है, क्या हैशटैग करना है और किस पोस्ट को ट्रेंड करवाना है. पीटर फैड्रिक खालिस्तानी आतंकी भजन सिंह भिंडर का साथी है. भजन सिंह आईएसआई के लिए भी काम कर चुका है.


दिशा रवि पर क्या आरोप हैं?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास पूरे सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि ने टूल किट डॉक्यूमेंट को तैयार करने और उसे वायरल करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया था और टूल किट तैयार करने में सहयोग किया था और ड्राफ्ट तैयार करने वालों के साथ जुड़कर काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सहयोग से देश के खिलाफ असंतोष का माहौल बनाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है.


टूल किट क्या है ?
डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.


आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है, ये भी बताया जाता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी भी जानकारी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो क्या करें और किससे संपर्क करें. इसकी भी डिटेल दी जाती है.


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