नई दिल्ली: टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने 21 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. दिशा रवि को लेकर बीजेपी और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. इस बीच बेंगुलूरु मध्य से बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने दिश रवि की तुलना 26\11 हमले के दोषी आतंकी आमिर अजमल कसाब से कर दी है. पीसी मोहन ने कहा है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और अपराध अपराध है. कोई कानून से ऊपर नहीं है. बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो अन्य आरोपियों के खिलाफ भी वारंट जारी करवाया है.


बीजेपी सासंद पीसी मोहन ने ट्वीट किया, ''वुरहान वानी 21 साल का था, अजमल कसाब 21 साल का था. उम्र सिर्फ एक संख्या है. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. कानून अपना काम करेगा. अपराध अपराध है, अपराध है अपराध है.'' इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस का ट्विटर थ्रेड भी साझा किया. उन्होंने लिखा कि जो लोग दिशा का बचाव कर रहे हैं, कृपया इसे पढ़ें.


कौन हैं पीसी मोहन?
पीसी रवि तीन बार से लोकसभा सांसद हैं और कर्नाटक में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. मोहन पिछले दो दशक से बीजेपी के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने राज्य में कोषाध्यक्ष और ओबीसी शाखा के अध्यक्ष की भी भूमिका निभाई. वे कर्नाटक में 1999 औक 2004 मे बीजेपी से विधायक भी चुने गए.


दिशा रवि पर भिड़े बीजेपी और कांग्रेस नेता
दिशा रवि की गरिफ्तारी के बाद बीजेपी और विपक्ष के नेता आमने सामने आ गए. एक तरफ जहां बीजेपी का कहना है कि अपराध के लिए उम्र की आड़ नहीं ली जा सकती. वहीं कांग्रेस का कहना है कि दिशा रवि की गिरफ्तारी भारत के लोकतंत्र पर सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी दिशा रवि के समर्थन में ट्वीट किए.


भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली पुलिस के संवाददाता सम्मेलन का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि रवि की गिरफ्तारी ने भारत को तोड़ने वाली ताकतों के ''षडयंत्र'' को बेनकाब कर दिया है. पात्रा ने एक बयान में दावा किया कि जहां तक विपक्ष, खासकर कांग्रेस का सवाल है तो वह ''हमेशा राष्ट्र विरोधी ताकतों'' के साथ खड़ी रही है.


भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी दिशा रवि की तुलना कसाब से की. उन्होंने लिखा, ''एक अपराधी तो अपराधी है. अगर वो नाबालिग नहीं है तो फिर लिंग और आयु का कोई मतलब नहीं रह जाता. आपकी जानकारी के लिए बता देता हूं कि मुंबई पर हमले के वक्त अजमल कसाब 21 साल का था.'' उन्होंने कहा, ''किसानों का समर्थन करना अपराध नहीं है, लेकिन भारत के खिलाफ साजिश करना और दूसरों को भड़काना निश्चित तौर पर अपराध है.''


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिशा की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ''बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!'' उन्होंने कहा, ''भारत खाामोश नहीं होने वाला है.'' पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ''डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से.''


टूलकिट के जरिए डिजिटल स्ट्राइक की साजिश थी- दिल्ली पुलिस
टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि टूलकिट के जरिए डिजिटल स्ट्राइक की साजिश थी. भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का मकदस था. दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई थी. दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजी थी. पुलिस ने कहा कि टूलकिट के पीछे खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) है.


पीजेएफ ने जूम पर मीटिंग की थी. दिशा, निकिता और शांतनु जूम पर मीटिंग में शामिल हुए थे. 26 जनवरी को हिंसा के बाद सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई गई. दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि टेलीग्राम के जरिए दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम एप के जरिए टूलकिट भेजी थी. मकसद था कि भारत के दूतावास पर प्रदर्शन हो. निकिता के खिलाफ सर्च ऑपरेशन 9 फरवरी को लिया गया.


दिशा रवि पर क्या आरोप हैं?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास पूरे सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि ने टूल किट डॉक्यूमेंट को तैयार करने और उसे वायरल करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया था और टूल किट तैयार करने में सहयोग किया था और ड्राफ्ट तैयार करने वालों के साथ जुड़कर काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सहयोग से देश के खिलाफ असंतोष का माहौल बनाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है.


कौन हैं दिशा रवि?
महज 21 साल दिशा रवि बेंगलूरु के नामी माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा हैं. अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की ही तरह दिशा रवि भी क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की सह संस्थापक हैं. फ्राइडे फॉर फ्यूचर वही कैम्पेन है जिसके जरिए ग्रेटा थनबर्ग ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी हैं. दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन से 2018 से जुड़ी हैं, इस कैम्पेन के जरिए दुनिया भर में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर मुहिम चलाई जा रही है.


दिशा रवि बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल की छात्रा हैं. उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है. दिशा रवि इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं. दिशा के पिता रवि मैसूरु में एथलेटिक्स कोच हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं. दिशा रवि शाकाहारी हैं और एक वेगान स्टार्ट अप के लिए काम करती है. फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन के तहत दिशा रवि को बेंगलुरु में कई बार शुक्रवार को पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर प्रदर्शन करते देखा गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. दिशा रवि की गिरफ्तारी का किसान संगठनों से लेकर तमाम छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं.


टूल किट क्या है ?
डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.


आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है, ये भी बताया जाता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी भी जानकारी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो क्या करें और किससे संपर्क करें. इसकी भी डिटेल दी जाती है.


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