World Air Quality Report: स्विस फर्म आईक्यूएयर ने मंगलवार (14 मार्च) को जारी अपनी 'वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट' में भारत को 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 50 शहरों में से 39 भारत के हैं. 131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड-आधारित मॉनिटरों से लिया गया था. 


चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत, भारत, मिस्र और ताजिकिस्तान शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पीएम 25 दिशानिर्देश को पूरा किया.


इस वजह से होता है प्रदूषण


रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ट्रांसपोर्टेशन पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है. दो शीर्ष सबसे प्रदूषित शहरों, पाकिस्तान में लाहौर और चीन में होटन के बाद, राजस्थान का भिवाड़ी तीसरे स्थान पर है और चौथे स्थान पर दिल्ली है.


दिल्ली में कितना प्रदूषण


रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का पीएम2.5 स्तर सुरक्षित सीमा से लगभग 20 गुना अधिक है. दिल्ली अब तक दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही है और रिपोर्ट ने 'ग्रेटर' दिल्ली और नई दिल्ली राजधानी के बीच अंतर किया है. राष्ट्रीय राजधानी के परिधीय क्षेत्र- नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सालों में रिपोर्ट किए गए औसत पीएम25 स्तरों की तुलना में गुरुग्राम में 34 प्रतिशत और फरीदाबाद में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. दिल्ली में आठ फीसदी की गिरावट देखी गई है.


वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां


रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल 60 लाख से अधिक मौतें होती हैं. वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य बिगड़ता हैं जिनमें अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों की बीमारियां, हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु दर शामिल हैं, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 10 शहरों और हरियाणा के सात शहरों सहित 31 शहरों में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट देखी गई है.


38 शहरों में बढ़ा प्रदूषण


रिपोर्ट में कहा गया है, पिछले सालों के औसत की तुलना में कुल 38 शहरों और कस्बों में प्रदूषण में वृद्धि देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, छह मेट्रो शहरों में, कोलकाता को दिल्ली के बाद सबसे प्रदूषित स्थान दिया गया. हालांकि, चेन्नई को डब्ल्यूएचओ के सुरक्षित स्तर  5 गुना प्रदूषण के साथ सबसे स्वच्छ बताया गया. मेट्रो शहरों हैदराबाद और बेंगलुरु ने 2017 के बाद से प्रदूषण के स्तर में औसत से अधिक वृद्धि देखी है.


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