'अपनी-अपनी बटालियन में शानदार काम कर रहे अग्निवीर', सेना के सीनियर अधिकारियों से जानें योजना की हकीकत
Army On Agniveer Scheme: अग्निपथ योजना को लेकर सेना के एक टॉप अधिकारी ने बताया कि अग्निवीरों को उसी तरह ट्रेनिंग दी जा रही जिस तरह किसी आर्मी सिपाही को दी जाती है और वो इन लोगों के साथ घुलमिल गए हैं.
Army On Agniveer: साल 2022 में लॉन्च हुई अग्निपथ स्कीम को लेकर हालिया दिनों में विपक्ष ने कई सवाल उठाए. इसको लेकर लेफ्टिनेंट जनरल चन्नीरा बंसी पोनप्पा ने रविवार (21 जुलाई) को एक अपडेट शेयर किया. पोनप्पा मौजूदा समय में भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 1 लाख अग्निवीर सेना में भर्ती हो चुके हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "इसमें करीब 200 महिलाएं भी शामिल हैं, लगभग 70,000 को पहले ही यूनिट्स में भेजा जा चुका है और वे बटालियनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं." इसमें करीब 100 महिला पुलिस भी शामिल हैं. इस साल 2024-25 में करीब 50,000 वेकेंसी रिलीज की गई हैं. भर्ती प्रक्रिया जारी है."
‘सेना के जवान की तरह ड्यूटी करते हैं अग्निवीर’
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि अग्निवीर सभी एक्शन कर रहे हैं, फिर वो चाहे ऑपरेशनल हो या फिर दूसरी प्रोफेशन ड्यूटी हो, ठीक वैसे ही जैसे कि कोई अन्य सिपाही या सिपाही रिक्रूट्स करते हैं. वे पूरी तरह से यूनिट्स में एकीकृत और आत्मसात हो चुके हैं. वे एक जैसी वर्दी पहनते हैं और एक जैसी ड्यूटी करते हैं."
दरअसल, हाल ही में कुछ भूतपूर्व सैन्यकर्मियों ने यह आशंका व्यक्त की थी कि वर्तमान योजना के तहत सैनिकों को अपेक्षित प्रशिक्षण नहीं मिल पाएगा और उनका मनोबल भी प्रभावित होगा. इसके पीछे इन लोगों का मानना था कि सेना में दो प्रकार के जवान होंगे, एक नियमित अवधि के लिए और दूसरे कम अवधि के लिए.
अग्निपथ योजना में बदलाव की उठ रही मांग
अग्निपथ योजना के तहत, भर्ती किए गए लोगों को चार साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है. चार साल बाद 25 प्रतिशत को बरकरार रखा जाएगा, जबकि 75 प्रतिशत आम जीवन में वापस लौटकर दूसरी नौकरी करेंगे. केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है. हालांकि, पूर्व सैनिकों और विपक्ष सहित लोगों का एक धड़ा मानता है कि इस योजना में कुछ बदलाव की जरूरत है.
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