अमृतसर: कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर कर रहे किसानों को खुद पंजाब बीजेपी के नेता का समर्थन मिल गया है. पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों की आवाज सुनी जानी चाहिए और उनकी बात मानकर उन्हें वापस भेजना चाहिए. गौरतलब है कि केंद्र सरकार अब तक कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि कानून रद्द करने की मांग को छोड़कर धरनारत किसानों से सभी मुद्दों पर बात हो सकती है, लेकिन कानून को वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता. दूसरी तरफ, किसान भी अड़े हैं कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक उनका धरना-प्रदर्शन खत्म होनेवाला नहीं है. लिहाजा, दोनों तरफ से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.


धरनारत किसानों के समर्थ में पंजाब बीजेपी के नेता 


केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी के एक नेता का बड़ा बयान किसानों के समर्थन में आना इस बात का संकेत है कि जोशी पार्टी के फैसले से खुश नहीं हैं. जोशी ने पंजाब बीजेपी के नेताओं पर किसानों की आवाज केंद्र सरकार तक नही पहुंचाने का आरोप लगाया. उनका तो कहना है कि पंजाब के किसानों की बात केंद्र तक नहीं पहुंचाई जा रही है या फिर पंजाब बीजेपी के नेताओं की दिल्ली आवाज नहीं सुन रही है. जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के धैर्य का कब तक इम्तिहान लेना चाहती है क्योंकि अब तक 500 किसान शहीद हो गए हैं. हालांकि, उन्होंने माना कि सरकार के कानून गलत नहीं होते, लेकिन जब किसानों को पसंद ही नहीं है तो फिर केंद्र सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए और किसानों को सम्मानपूर्वक वापस भेज देना चाहिए.


कृषि कानूनों पर किसानों की बात मानने की अपील


जोशी ने ये भी जानकारी दी कि उन्होंने कई बार पंजाब बीजेपी नेताओं को किसानों के पक्ष में दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से बात करने को कहा है, लेकिन पंजाब बीजेपी के नेता केंद्र के इशारे पर चल रहे हैं. आपको बता दें कि जोशी राज्य में पार्टी के कद्दावर नेता हैं और दो बार विधायक के अलावा एक बार कैबिनेट मंत्री का पद्भार संभाल चुके हैं. हालांकि, जोशी ने बीजेपी नहीं छोड़ने की बात कही, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उनकी आवाज किसानों के पक्ष में लगातार बुलंद होती रहेगी, अब अगर पार्टी को ठीक नहीं लगे, तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकती है.


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