नई दिल्ली: मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनका 103 वर्ष की आयु में कोविड-19 से निधन हो गया. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट (NHI) ने रविवार को यह जानकारी दी. डॉक्टरों ने कहा कि उनका पिछले 11 दिनों से NHI में इलाज चल रहा था.


भारत की मशहूर महिला हृदय रोग विशेषज्ञ का निधन


कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद उन्हें सांस लेने में दुश्वारी और बुखार की शिकायत थी. जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्तपाल में भर्ती कराया गया. बयान में कहा गया कि उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया था. हालांकि उनकी मौत हार्ट अटैक के बाद हुई. डॉ पद्मावती को भारत में पहली कार्डियक केयर यूनिट स्थापना का श्रेय जाता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती ने 1981 में NHI की स्थापना की थी.


कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद थीं भर्ती


मेडिकल के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1967 में पद्म भूषण से नवाजा. इसके अलावा 1992 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया. डॉ पद्मावती को हार्वर्ड मेडिकल इंटरनेशनल अवार्ड के अलावा कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले. उन्हें डॉक्टर बीसी रॉय और कमला मेनन रिसर्च अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. उनका जन्‍म म्‍यांमार में हुआ था. उन्होंने रंगून मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद वहां पर कार्डियोलोजी में कैरियर की शुरुआत की. उनकी मौत के बाद मेडिकल जगत में शोक की लहर है. डॉक्टरों ने उनके समर्पण और अपूर्व योगदान की सराहना की है. रविवार को पंजाबी बाग के कोविड-19 शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया.


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