Black Fungus in Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के 36 नये मामले सामने आने के साथ कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,925 हो गयी है. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान ब्लैक फंगस (काला कवक) के एक मरीज ने दम तोड़ दिया. राज्य में इस समय ब्लैक फंगस के 390 मरीजों का इलाज चल रहा है.
एक सप्ताह के दौरान चित्तूर जिले में 10 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हुई जबकि अनंतपुरमू में आठ, पूर्वी गोदावरी, प्रकाशम और गुंटूर में पांच-पांच, कुरनूल में दो और कडप्पा में ब्लैक फंगस का एक नया मामला सामने आया.
ब्लैक फंगस के लक्षण
सिर दर्द होना- कोविड से रिकवरी के वक्त अगर सिर में लगातार दर्द है या किसी जगह पर दबाव महसूस हो रहा है, तो ये ब्लैक फंगस का लक्षण हो सकता है. ये फंगस नाक से दिमाग तक पहुंच सकता है.
चेहरे पर एक ओर सूजन- एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें अलग-अलग लक्षण सामने आ रहे हैं. कई लोगों के चेहरे पर सूजन, दर्द और नीचे की ओर भारीपन महसूस हो रहा है. इसके अलावा त्वचा लाल हो सकती है. ये ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षण हैं.
त्वचा का रंग बदलना जाना- ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों में कई लोगों की नाक के पास काली पपड़ी बन रही है, कई लोगों के चेहरे का रंग खराब हो रहा है, आंखों में भारीपन भी शरीर में ब्लैक फंगस फैलने के लक्षण हो सकते हैं.
नाक का ब्लॉक होना- फंगस आपके शरीर में सबसे पहले नाक के जरिए घुसता है. ऐसे में नाक बंद होना या सांस लेने में तकलीफ होना भी इसका लक्षण हो सकता है. कई गंभीर मामलों में ये लंग्स पर भी अटैक कर देता है.
दातों का कमजोर होना- कई लोगों को ब्लैक फंगस के लक्षण के रूप में सबसे पहले दातों में परेशानी हो सकती है. दातों के ढीले हो जाने, जबड़े से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है. इन मामलों में ऑपरेशन की जरूरत भी पड़ सकती है.
बता दें कि कोरोना वायरस शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है. ऐसे में कोविड से रिकवर हो रहे मरीजों को फंगल इंफेशन के खतरे से बचने के लिए मुंह की साफ-सफाई पर बहुत ध्यान देना चाहिए. कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अपने टूथब्रश को बदल दें और साफ सफाई का ध्यान रखें.
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