पश्चिम बंगाल की कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता के भले ही स्तन विकसित ना हुए हो लेकिन गलत इरादे से छूना भी इसे यौन अपराध की श्रेणी से दर्ज किया जाएगा. कोर्ट ने साफ कहा कि ये साबित होना चाहिए कि आरोपित शख्स ने गलत इरादे से पीड़िता को छुआ. बता दें, कोर्ट ने इस मामले में आरोपित को पोक्सो एक्ट की धारा 7 के तहत दोषी करार किया है. 


मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपित के वकील ने इस बात की दलील दी थी कि पीड़िता के स्तनों को छूने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि इस मामले में चिकित्सा अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि पीड़िता के स्तन अभी विकसित नहीं हुए. बता दें, कोर्ट वकील की इस दलील पर सहमत नहीं दिखा. 


कोर्ट ने ये भी कहा...


कोर्ट ने कहा, ये जरूरी नहीं है कि लड़की के स्तन विकसित हुए हैं या नहीं. लड़की के विशेष अंग को स्तन कहा ही जाएगा. कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धारा 7 का दोषी करार करते हुए कहा कि, बच्चे के लिंग, गुदा या स्तन को छूना या गलत इरादे से छूना यौन उतपीड़न का अपराध माना जाएगा.


'पहले घर में घुसा और फिर...' - पीड़िता की मां


बताते चले, साल 2017 के एक मामले में हाईकोर्ट ने ये बयान दिया है. ये मामला 13 साल की लड़की का है. बच्ची की मां ने पुलिस को शिकायत की थी कि बच्ची घर में अकेले थी तब आरोपित आया और उसे गलत तरीके से छुने लगा. मां ने पुलिस को ये भी बताया कि आरोपित ने बच्ची के चेहरे को भी चूमा. बता दें, इस मामले में निचली अदालत ने आरोपित को दोषी ठहराया था. 


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