उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर और वीवीपीएटी मशीन की पर्ची गिनने के कारण चुनाव परिणाम में हुई देरी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतों की गिनती मंगलवार को शुरू हुई और अंतिम परिणाम बुधवार को जारी किए गए. चुनाव परिणाम में देरी की मुख्य वजह उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर और ईवीएम- वीवीपीएटी मशीन के बीच के मतों के मिलान में लगा समय भी मुख्य वजह है.
नई दिल्ली: पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने में लगे अधिक समय के लिये चुनाव आयोग की सतर्कता और उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर को मुख्य कारण बताया जा रहा है. कैंडिडेट के बीच जीत हार का कम अंतर, ईवीएम से जुड़ी वीवीपीएटी मशीन की पर्चियों की गणना और उम्मीदवारों की छोटी-मोटी आपत्तियों को निपटाने में चुनाव परिणाम जारी करने में विलंब हुआ.
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों- छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्येक दौर की मतगणना के बाद हर उम्मीदवार को मिले मतों की संख्या का प्रमाणपत्र देने संबंधी नियम का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया था. इसका पालन मतगणना पूरी होने में देरी की वजह बना.
अप्रैल, 2014 के अपने एक निर्देश का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि पर्यवेक्षक और निर्वाचन अधिकारी मतगणना के हर चरण के बाद सभी कुछ जांचने के बाद हर उम्मीदवार के नतीजे पर हस्ताक्षर करेंगे. इसके अलावा ईवीएम पर तमाम दलों द्वारा उठाये गये सवालों के कारण आयोग द्वारा मतगणना में बरती गयी अतिरिक्त सतर्कता को भी देरी का एक कारण होने से आयोग के अधिकारियों ने इंकार नहीं किया.
मंगलवार को शुरु हुई मतगणना के अंतिम परिणाम बुधवार सुबह तक घोषित हुए
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिणाम घोषित होने में देरी वाली अधिकांश सीटें ऐसी थी जिन पर उम्मीवारों के बीच हार जीत का अंतर बेहद कम था. इसलिये उम्मीदवारों द्वारा पुन: मतगणना कराने की मांग से बचने के लिये मतों की गणना में अत्यधिक सतर्कता बरती गयी. इससे परिणाम घोषित होने में बेशक देरी हुई लेकिन पुन: मतगणना की मांग का आंकड़ा बहुत कम रहा.
अधिकारी ने देरी का तीसरा मुख्य कारण ईवीएम के परिणाम का वीवीपीएटी की पर्चियों से मिलान करने को भी बताया. उन्होंने बताया कि हालांकि वीवीपीएटी का इस्तेमाल सभी मतदान केन्द्रों पर होना था लेकिन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किसी एक मतदान केन्द्र की वीवीपीएटी मशीन की पर्चियों का मिलान ईवीएम के परिणाम से करने की बाध्यता के कारण अंतिम परिणाम घोषित करने में देरी हुयी. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में औसतन 45 मिनट से एक घंटे तक का अतिरिक्त समय लगा. अधिकारी ने बताया कि इसका असर समूचे चुनाव परिणाम घोषित करने में देरी के रूप में दिखा.
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