JK: पर्यटकों और मजदूरों का आना जारी, स्थानीय लोगों की RT-PCR टेस्ट अनिवार्य करने की मांग
लोगों का कहना है कि सवालों के घेरे में घिरे रैपिड टेस्ट पर इतना भरोसा करके सरकार यहां के लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रही है. दिल्ली और अन्य कई राज्यों की तरह कश्मीर घाटी आने के लिए RT-PCR टेस्ट को अनिवार्य करना चाहिए.
![JK: पर्यटकों और मजदूरों का आना जारी, स्थानीय लोगों की RT-PCR टेस्ट अनिवार्य करने की मांग tourists and laborers continue to enter Jammu and Kashmir people demands to make RT-PCR test compulsory corona virus ann JK: पर्यटकों और मजदूरों का आना जारी, स्थानीय लोगों की RT-PCR टेस्ट अनिवार्य करने की मांग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/04/17/673067d61f35a02440d6c1436b08a352_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
श्रीनगर: कोरोना की बढ़ती महामारी के बीच जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों और मजदूरों का आगमन लगतार जारी है. इनमें से कुछ तो खुद ही सफर से पहले टेस्ट करवा रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोगों का टेस्ट यहां पहुंच कर ही हो रहा है. इसके चलते घाटी में सफर करने वालों के जरिए संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है.
बिहार से कश्मीर घूमने आए उत्तम प्रसाद ने सफर से पहले टेस्ट करवा लिया था. दिल्ली में RT-PCR और कश्मीर घाटी में हवाई अड्डे पर रैपिड टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही वह आज डल झील पर घूम रहे हैं. दिल्ली से आए रुपेश कुमार ने भी दिल्ली में RT-PCR टेस्ट करवा लिया था लेकिन श्रीनगर हवाई अड्डे पर उनका फिर से रैपिड टेस्ट हुआ.
इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. लोगों का कहना है कि सवालों के घेरे में घिरे रैपिड टेस्ट पर इतना भरोसा करके सरकार यहां के लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रही है और दिल्ली और अन्य कई राज्यों की तरह कश्मीर घाटी आने के लिए RT-PCR टेस्ट को अनिवार्य करना चाहिए.
लोगों के इस गुस्से की वजह से कश्मीर घाटी को बाकी देश से जोड़ने वाली जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का हाल देखकर साफ हो जाती है. यहां मास्क और अन्य किसी भी प्रकार के प्रोटोकॉल का पालन किए बिना लोग पहुंच रहे हैं. इनमें पर्यटक भी हैं और स्थानिय नागरिक भी लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में प्रवासीय मजदूर भी पहुचं रहे हैं और यहां उनका सिर्फ रैपिड टेस्ट हो रहा है.
पिछले 15 दिनों में जम्मू कश्मीर में बढ़े हुए कोरोना पॉजिटिव मामलों में बड़ी संख्या सफर करने वालो की है. आंकड़ों के अनुसार नए मामलो में 35 प्रतिशत सफर कर रहे लोगों के हैं जो बहुत खतरनाक हैं.
प्रशासन ने साधी चुप्पी
फिलहाल जम्मू कश्मीर प्रशासन इस मामले में चुप ही है और लोगों की आवाजाही पर किसी भी तरह से प्रतिबंध लगाने और RT-PCR टेस्ट को अनिवार्य करने का विचार नहीं कर रहा है. पिछले हफ्ते लोगों के दबाव में प्रदेश में सड़क के रास्ते आने वालों का टेस्ट शुरू करवाया गया था लेकिन जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है उसमें यह काफी नहीं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)