ट्रैक्टर रैली: जानिए गैंगस्टर से कैसे सामाजिक कार्यकर्ता बना दिल्ली हिंसा का आरोपी सिधाना
सिधाना को पहली बार साल 2004 में जेल की हवा खानी पड़ी थी और इसके बाद 2017 तक उसे कई बार सलाखों के पीछे जाना पड़ा.सिधाना के अलावा पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू पर लाल किले में धार्मिक झंडा फहराने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप है.
चंडीगढ़: 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा का आरोप लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना पर लगा है. सिधाना पहले गैंगस्टर था, जो अब सामाजिक कार्यकर्ता बन गया है. यह पंजाब के बठिंडा जिले के एक गांव का रहने वाला है. सिधाना अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसान आंदोलन से जुड़ा था.
बताया जा रहा है कि सिधाना 25 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में काफी सक्रिय रहा है और आंदोलन को गति देने के लिए उसका रुख भी आक्रामक रहा है. सिधाना, जो किसी समय पर गैंगस्टर रह चुका है, वह अब खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताता है.
साल 2012 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा
साल 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले उसे कई मामलों में बरी कर दिया गया था, जिसे पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था, जिसका नेतृत्व कभी मनप्रीत सिंह बादल ने किया था, जो कि फिलहाल पंजाब में कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री हैं. एक समय पर वह शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से भी जुड़ा रहा है.
सिधाना को पहली बार साल 2004 में जेल की हवा खानी पड़ी थी और इसके बाद 2017 तक उसे कई बार सलाखों के पीछे जाना पड़ा. इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर वह तब सुर्खियों में आया था, जब उसने मांग की थी कि अंग्रेजी के अलावा सभी आधिकारिक साइनबोर्ड पंजाबी में होने चाहिए. किसान नेताओं ने फिलहाल सिधाना से दूरी बना ली है और वे अब लाल किले पर हिंसा भड़काने के लिए उसे दोषी ठहरा रहे हैं.
सिद्धू के बारे में भी जानें
सिधाना के अलावा पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू पर लाल किले में धार्मिक झंडा फहराने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप है. सिद्धू को लाल किले में जुटी भीड़ में देखा गया था और उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने ही प्रदर्शनकारियों को लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराने के लिए उकसाया.
पंजाब के मुक्तसर जिले में 1984 में पैदा हुए सिद्धू ने कानून की पढ़ाई की है. उनकी पहली पंजाबी फिल्म 'रमता जोगी' 2015 में रिलीज हुई थी. साल 2018 में उनकी दूसरी फिल्म 'जोरा दास नुम्ब्रिया' हिट रही थी. सिद्धू को अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल का करीबी माना जाता है. हालांकि सनी देओल ने ट्वीट करके साफ कर दिया है कि सिद्धू का उनसे या उनके परिवार से अब कोई संबंधन नहीं है.
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