3 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया से लौटा था हिंसा में मारा गया शख्स, परिवार बोला- हमें नहीं थी रैली में जाने की जानकारी
नवरीत सिंह यूपी में रामपुर जिले के डिबडिबा गांव के रहने वाले थे. गांव से किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल होने जा रहे कुछ लोगों के साथ नवरीत सिंह भी दिल्ली गए थे.हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 27 साल के नवरीत सिंह की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नवरीत सिंह तीन दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटे थे. नवरीत वहां पढ़ाई कर रहे थे. इतना ही नहीं नवरीत के परिवार ने बताया कि उन्हें नवरीत के ट्रैक्टर रैली में जाने की कोई जानकारी ही नहीं थी.
रामपुर जिले के डिबडिबा गांव के रहने वाले थे नवरीत
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नवरीत सिंह उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के डिबडिबा गांव के रहने वाले थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गांव से किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल होने जा रहे कुछ लोगों के साथ नवरीत सिंह भी दिल्ली गए थे. अधिकारी ने कहा कि रैली के दौरान जब हिंसा भड़की तो कुछ लोग गलत तरीके से और तेज गति से ट्रैक्टर चला रहे थे. हमने देखा कि एक ट्रैक्टर तेज रफ्तार में आकर बैरिकेडिंग से टकरा गया और पलट गया. इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो देखा कि सिर में चोट लगने की वजह से शख्स की मौत हो गई.
खूब हुई हिंसा, लाल किले में प्रदर्शनकारी ने फहराया झंडा
बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में ट्रैक्टर परेड की इजाज़त मांगी थी और उन्हें शांति के साथ परेड निकालने की इजाजत दी भी गई, लेकिन किसानों की ट्रैक्टर परेड शुरु होते ही किसान दिल्ली में घुसने लगे और हिंसा शुरू हो गई. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले पर खालसा पंत का झंडा भी फहराया. हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया.
योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज
ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अबतक 22 FIR दर्ज की है. गाजीपुर, अक्षरधाम, आईटीओ, लालकिले, मुकरबा चौक समेत कई इलाकों में हिंसा और तोड़फोड़ मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है. बड़ी बात यह है कि इस मामले में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान आंदोलन में सक्रिय रहे योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने बताया है कि इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के तीन सौ से ज्यादा जवान घायल हुए हैं.
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