जानिए- कौन हैं दिल्ली हिंसा की साजिश के सूत्रधार? इन पांच नामों पर लग रहे हैं आरोप
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि अगर किसान नेताओं ने वादाखिलाफी ना की होती तो हिंसा नहीं होती.पुलिस ने अब तक किसान आंदोलन से जुड़े किसी भी बड़े नेता को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन मुमकिन है कि आने वाले दिनों में पुलिस की तरफ से बड़ी कार्रवाई होगी.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के लिए 37 लोगों को जिम्मेदार मानते हुए एफआईआर दर्ज की है, जिसमें से पांच नामों को साजिश का सूत्रधार बताया जा रहा है. 37 नामों के अलावा भी कई ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें पुलिस को ढूंढना भी है और पकड़ना भी है. इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने भड़काऊ भाषण, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालना जैसे मामले दर्ज किए हैं.
इन पांच नामों की हो रही है चर्चा
- पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिद्धू
- पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिधाना
- किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू
- किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर
- भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत
इन लोगों पर हिंसा भड़काने के आरोप क्यों लग रहे हैं?
दीप सिद्धू
पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू कई बार किसान आंदोलन में दिख चुके हैं. दीप सिद्धू पर आरोप है कि वह किसानों को भड़काकर लाल किले तक ले गए थे. दीप सिद्धू ने ही लाल किले पर खालसा पंत का झंडा लहराया था. इस दौरान जबरदस्त हिंसा हो गई थी. हालांकि बाद में दीप सिद्धू ने वीडियो पोस्ट करके अपनी सफाई दी. लेकिन सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने भी दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना पर ही किसानों को भड़काकर लाल किले तक ले जाने का आरोप लगाया है. अब सवाल है कि जब ट्रैक्टर परेड के लिए तय रूट में जब लाल किला तक जाना तय ही नहीं तो सिद्धू वहां क्यों गया?
लक्खा सिधाना
लक्खा सिधाना पंजाब के भठिंडा का रहने वाला है और कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी रह चुका है. इसके अलावा ये गैंगस्टर भी रह चुका है और इसपर कई मुकदमे भी दर्ज हैं. कई मामलों में इसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है. सिधाना पर नौजवानों को भड़काने के आरोप पहले भी लगे हैं. आरोप है कि रैली के दौरान सिधाना ने सिद्धू के साथ मिलकर किसानों को हिंसा के लिए उकसाया था. हालांकि किसानों को भड़काने के आरोप पर लक्खा सिधाना की ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है.
सतनाम सिंह पन्नू
किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ही सबसे पहले पुलिस बैरिकेड तौड़ने और लाल किले पर हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं पन्नू हिंसा और किसान आंदोलन को कलंकित करने के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
सरवन सिंह पंढेर
सरवन सिंह पंढेर पंजाब में माझा इलाक़े के किसान संगठन किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव हैं. 2007 में किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर सतनाम सिंह पन्नू ने किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी का गठन किया था. 13 साल पुराने इस संगठन का बेस अमृतसर है. सात आठ ज़िलों के किसान और खेतिहर मज़दूर इस संगठन से जुड़े हैं. सरवन सिंह पंधेर इस संगठन का चेहरा है. कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी किसान नेता सरवन सिंह पंढेर पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया है. हालांकि, पढेर ने हिंसा को लेकर माफी मांग ली है.
राकेश टिकैत
पांचवे नाम राकेश टिकैत की चर्चा हो रही है वो लाल किले की घटना के लिए दीप सिद्धू के साथ किसान संघर्ष समीति के नेताओं पर आरोप मढ़ रहे हैं, जबकि उनके खुद के एव वायरल वीडियो ने उन्हें दिल्ली हिंसा को लेकर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. वायरल वीडियो में राकेश टिकैत किसानों से कह रहे हैं कि सरकार मानने वाली नहीं है, इसलिए रैली में झंडे और डंडे साथ लाएं. हमें अपनी जमीन बचानी है.
पुलिस ने जिनके खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है, उनमें कौन-कौन बड़े नाम शामिल?
- दर्शन पाल सिंह
- राकेश टिकैत
- गुरनाम सिंह चढूनी
- मेधा पाटकर
- योगेंद्र यादव
- भानु प्रताप सिंह
- वीएम सिंह
- सतनाम सिंह पन्नू
- सरवन सिंह पंढेर
- जोगिंदर सिंह उगराहां
- कुलवंत सिंह संधू
- पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू
- और लक्खा सिधाना
बुधवार शाम खुद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि अगर किसान नेताओं ने वादाखिलाफी ना की होती तो हिंसा नहीं होती. इसीलिए इनके खिलाफ जानलेवा हमला, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालना, आपराधिक साजिश रचना और दंगा करना जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. दिल्ली के गाज़ीपुर थाने में राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ दर्ज केस में जान से मारने की साजिश की धारा 307 को भी जोड़ दिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने अब तक किसान आंदोलन से जुड़े किसी भी बड़े नेता को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन मुमकिन है कि आने वाले दिनों में पुलिस की तरफ से बड़ी कार्रवाई देखी जाए.
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