ट्रेड यूनियन लीडर दत्ता सामंत मर्डर केस में गैंगस्टर छोटा राजन बरी, 26 साल बाद आया फैसला
Datta Samant murder case: मुंबई की एक कोर्ट ने श्रमिक नेता दत्ता सामंत की हत्या मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को बरी करने के पीछे सबूतों की कमी का हवाला दिया.
Datta Samant Murder Case: मुंबई में स्थित सीबीआई कोर्ट ने श्रमिक नेता दत्ता सामंत की हत्या मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को शुक्रवार (28 जुलाई) को रिहा कर दिया. विशेष सीबीआई जस्टिस ए.एम. पाटिल ने प्रमाणिक सबूत की कमी के कारण छोटा राजन को सभी आरोपों से बरी किया है.
अभियोग पक्ष के मुताबिक़, 16 जनवरी, 1997 को डॉ. सामंत पवई से घाटकोपर के पंतनगर जा रहे थे. इस दौरान पद्मावती रोड पर स्थित नरेश जनरल स्टोर के पास उन पर जानलेवा हमला हुआ. इस कारण सामंत की जान चली गई.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि राजन, जिसका असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है, ने साजिश रची. हालांकि, गैंगस्टर के जल्द जेल से रिहा होने की संभावना नहीं है क्योंकि वह विभिन्न शहरों में दर्जनों मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है.
क्या दावा किया?
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि राजन ने हत्या की साजिश रची थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश बी डी शेल्के ने फैसले में कहा कि ऐसा कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि राजन ने साजिश रची थी.
कोर्ट ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण गवाह मुकर गए. उन्होंने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया. अन्य गवाहों की गवाही आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है. ’’
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार चार अज्ञात आरोपियों ने डॉ. सामंत की गाड़ी को रोक दिया था और उन पर 17 गोलियां चलाई थी. इसके बाद ये लोग यहां से भाग गए. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इसको सेकर साकीनाका पुलिस स्टेशन में सामंत के ड्राइवर भिमराव सोनकांबले की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था.
छोटा राजन को कब गिरफ्तार किया गया?
छोटा राजन को अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने राजन के खिलाफ दर्ज सारे केस अपने हाथ में लिया थे. फिर सीबीआई ने सामंत मर्डर केस में राजन पर मुकदमा चलाया.
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