मध्य प्रदेश: फसल खरीद को लेकर व्यापारी ने किसानों को ठगा, 13 किसानों के 20 लाख रुपये फंसे
मध्य प्रदेश के गुना जिले में व्यापारी ने किसानों को ठगने का मामना सामने आया है. किसानों ने कहा कि 20 लाख रुपये की ठगी उनसे की गई है.
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गुना: कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन लगातार जारी है. बिल में कौकॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात हो रही है. मंडी खत्म कर के किसानों की फसल सीधे खेत से खरीदने की व्यवस्था का खूब ढिंढोरा पीटा जा रहा है. इसी चक्कर में फंसकर मध्य प्रदेश के गुना जिले से किसानों को ठगने का मामला सामने आया है.
बताया जा रहा है कि जिले के म्याना ब्लाक के ग्राम सगोरिया में एक व्यापारी ने किसानों की फसल गांव से खरीदी. 13 किसानों से धनिया की फसल ली और चैक से व्यापारी ने भुगतान कर दिया. चैक किसानों ने बैंक मे लगाया तो बाउंस हो गया और किसानों को 20 लाख रुपये का नुकसान हो गया. ठगी के शिकार किसान कहते हैं कि पूरे साल की कमाई हुई फसल घर से ले गये.
गांव की करीबन दो करोड़ की फसल इन व्यापारीयों ने खरीदी
पीड़ित रामाराम धाकड़ का कहना है कि लाकडाउन के दौरान मंडी बंद थी पैसे कि जरूरत पड़ी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने टीवी पर कहा कि किसानों घबराने की जरूरत नहीं है किसानों के घर से व्यापारी किसान की फसल खरीद सकते हैं. हम ने इसलिये फसल को गांव से ही तुलवा दी हमारे सारे गांव की करीबन दो करोड़ की फसल इन व्यापारीयों ने खरीदी. कुछ किसानों को पैसा दे दिया गया वहीं अन्य कई किसानों को ठग लिया गया.
उनका कहना है कि इससे तो पहले ही अच्छा कानून था. मंडी से नगद रुपया मिल जाता था. बैंकों में पैसा डालने के चक्कर में हमारे साथ धोखाधड़ी की जा रही है. हम कलेक्टर,व पी, एस डी ओम कार्यालय के चक्कर काट रहै हैं. हमारी कहीं सुनवाई नहीं हुई. हम भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास पहुंचे जिसके बाद हमारी थाने मे रिपोर्ट दर्ज हो सकी. लेकिन पैसे अब तक नहीं मिल सके हैं. अब कोर्ट कचहरी के चक्कर काटना पड़ रहे हैं.
बेबस महसूस कर रहा पीड़ित किसान
वहीं रामकृष्ण जाट का कहना है कि, "मेरी 26 जनवरी में हार्ट वायपास सर्जरी थी. मैं मंडी जाकर फसल बेचने में असमर्थ था पैसे की भी जरूरत थी. व्यापारी हमारे गांव में 15 दिन से फसल खरीद रहा था तो मैंने भी अपना धनिया 5 लाख 7 हज़ार 200 रुपये का बेचा. मुझे 3 लाख रुपये दिये और बाकी पैसा आर टी जी एस करने को कहा गया. लेकिन एक महीने तक पैसा नहीं दिया फिर हमने सब जगह आवेदन दिये कुछ नहीं हुआ."
वहीं, भैयालाल कहते हैं कि, "मेरी भी धनिया की फसल एक लाख रुपये में खरीदी गई है. हमारे गांव के किसानों के व्यापारी पर 20 लाख 14 हजार 200 रुपये बाकी है.
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