दिल्ली में बाजारों को बंद करवाने की कार्रवाई से व्यापारी नाराज, CTI ने बुलाई व्यापारियों की महापंचायत
कोविड गाइडलाइन्स का गंभीरता से पालन नहीं होने पर दिल्ली में प्रशासन सख्ती बरत रहा है. दिल्ली की लक्ष्मी नगर मार्केट के बंद के बाद अब और कई मार्केट को बंद के आदेश दिए हैं.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के बाजारों में बढ़ रही भीड़ और कोविड गाइडलाइन्स का गंभीरता से पालन नहीं होने पर प्रशासन सख्ती बरत रहा है. पिछले दिनों दिल्ली की लक्ष्मी नगर मार्केट को कोरोना नियमों की अनदेखी के चलते प्रशासन ने बंद करवा दिया था.
फिर गांधी नगर मार्केट की 12 दुकानें, नांगलोई में 2 बाजार, सदर बाजार रूई मंडी, लाजपत नगर सेन्ट्रल मार्केट पिछले 5 दिनों में प्रशासन ने बंद करवाये. जिसको लेकर दिल्ली के व्यापारियों में काफी पैनिक फैल गया है. इसी मुद्दे पर अब व्यापारियों के संगठन सीटीआई (चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री) ने आज दिल्ली के व्यापारियों की एक महापंचायत बुलाई है जिसमें दिल्ली के 200 बड़े व्यापारी संगठनों को आमंत्रित किया गया है. यह महापंचायत वर्चुअल होगी.
व्यापारियों में काफी टेंशन फैल गई है- सीटीआई के चेयरमैन
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से दिल्ली के बाजारों को बंद किया जा रहा है उसको लेकर व्यापारियों में काफी टेंशन फैल गई है. दिल्ली के अनेकों संगठनों के फोन आ रहे हैं इसीलिए आज होने वाली व्यपारियों की इस महापंचायत में कई मुद्दों पर पर चर्चा होगी. जैसे की बाजारों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किस तरह किया जाए, इसमें मार्केट एसोसिएशन्स क्या भूमिका निभा सकती हैं और साथ ही तमाम व्यापारियों के सुझाव लिए जायेंगे.
इसके अलावा महापंचायत में कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, सदर बाजार, गांधी नगर, चावड़ी बाजार, लक्ष्मी नगर, कमला नगर, कनोट प्लेस, लाजपत नगर, करोल बाग, सरोजनी नगर, नेहरू प्लेस जैसे तमाम मार्केट एसोसिएशन्स शामिल होंगे.
भीड़ की जवाबदेही पुलिस प्रशासन और एमसीडी की होनी चाहिए- व्यापारी
व्यापारियों का कहना है कि DDMA द्वारा बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी व्यापारियों और मार्केट एसोसिएशन्स पर डाली जा रही है जबकि इसके लिए पुलिस प्रशासन और एमसीडी जवाबदेह होनी चाहिए. व्यापारी अपनी दुकान, गोदाम, ऑफिस के अंदर बाहर तक तो कोरोना नियमों का पालन करा सकते हैं लेकिन मेन रोड या सार्वजनिक सड़क पर भीड़ को नियंत्रित करने की पावर व्यापारियों के पास नहीं है.
सदर बाजार, चांदनी चौक, कमला नगर, कनोट प्लेस, लाजपत नगर, नेहरू प्लेस , सरोजनी नगर जैसे बड़े मार्केट एसोसिएशन्स का कहना है कि अवैध रेहड़ी पटरी और हॉकर्स के कारण भी बाजारों में भीड़ बढ़ रही है. जिनको नियंत्रित करने की जिम्मेदारी और पावर मार्केट एसोसिएशन्स के हाथ में नहीं है.
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