जम्मू: लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी विवाद के चलते जम्मू कश्मीर की सबसे बड़ी थोक मंडी के व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि इस मंडी से चीन के साथ सालाना 80 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होता है.


जम्मू के तवी नदी किनारे स्थित वेयर हाउस थोक मंडी के नाम से मशहूर इस मंडी में जम्मू कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख तक खाने पीने का ज़रूरी सामान सप्लाई होता है. इस मंडी से चीन से आयात हुए चीनी राजमा और सुंड (सूखा अदरख) का सालना 80 करोड़ से अधिक का व्यापार होता है.


हालांकि आजकल जम्मू से करीब 700 किलोमीटर दूर लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी का असर इस थोक मंडी पर साफ़ देखा जा सकता है.


इस मंडी के व्यापारियों ने अपनी दुकानों के बाहर "बायकॉट चाइना प्रोडक्ट्स" और "प्रमोट लोकल आइटम्स" के बैनर लगाए हॆ और अपनी दुकानों पर पहुंच रहे ग्राहकों को चीनी सामान नहीं बेच रहे हैं.


दरअसल वेयर हाउस ट्रेडर्स फेडरेशन ने सर्वसम्मिति से यह फैसला लिया कि वो चीन से आयत होने वाले हर सामान का बहिष्कार करेंगे. फेडरेशन के सचिव दीपक गुप्ता के मुताबिक चीन में भारत के साथ जारी तनातनी के बाद से अब तक व्यापारी चीन के साथ 10 करोड़ से अधिक के आर्डर रद्द कर चुके हैं.


दीपक की माने तो जैसे ही उन्होंने चीन के साथ अपने करोड़ों रुपये के आर्डर रद्द किए तो चीनी व्यापारी सकते में आ गए और पहले उन्होंने भारत के व्यापारियों को मनाने की कोशिश की और जब वो कोशिश नाकाम हुई तो फिर वहां के व्यापारियों ने चीनी सरकार पर भारत से संबंध ठीक करने के दबाव बनाया.


वहीं, इस मंडी से सामान खरीदने पहुंचे छोटी व्यापारी भी अब यहां की फेडरेशन के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इन छोटे व्यापारियों का दावा है कि इस मंडी में कहीं भी चीनी सामान नहीं मिल रहा और अब उन्हें मजबूरन दुसरे देशों से निर्यात हुए सामान को खरीदने पड़ रहा है लेकिन यह छोटे व्यापारी भी इस फैसले से काफी खुश है.


जम्मू के इन व्यापारियों की मांग है कि जम्मू कश्मीर से होने वाले भारत पाकिस्तान व्यापार को जैसे सस्पेंड किया गया है उसी तर्ज पर अब भारत चीन व्यापार पर भी प्रतिबंध लगाया जाएं.


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