चीन को सिखा चुके सबक, अब बांग्लादेश की बारी! इस संगठन ने दे डाली यूनुस सरकार को वॉर्निंग
बांग्लादेश की स्थिति को लेकर CTI का कहना है कि 5 -7 साल पहले चीन ने हमारे सैनिकों के साथ सीमा पर दुस्साहस किया था, जिसके बाद उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारियों ने चीनी प्रोडक्ट का बहिष्कार किया था.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ दिल्ली के व्यापारियों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है. दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं इसको लेकर व्यापारी समाज गुस्से में है.
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि 5 -7 साल पहले चीन ने हमारे सैनिकों के संग सीमा पर दुस्साहस किया, उसके बाद भारतीय उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार किया. अब चीन को सबक मिला है और बॉर्डर पर स्थिति संतोषजनक है. चीन की तरह बांग्लादेश को सबक सिखाना जरूरी है.
बृजेश ने बताया कि 2023-24 में दोनों देशों के बीच 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ था. अब सरकार को सख्त फैसले लेकर आर्थिक तौर पर बांग्लादेश के ऊपर दबाव बनाना होगा. भारत और दिल्ली के व्यापारी और उद्यमी केंद्र सरकार के संग हैं, सीटीआई ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुके तो दिल्ली और देश के तमाम व्यापारी बांग्लादेश से सभी तरह का व्यापार खत्म कर देंगे और CTI से जुड़े हजारों व्यापारी भी बांग्लादेश से कोई व्यापारिक लेन-देन नहीं करेंगे.
दोनों देशों के बीच व्यापार
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों की मानें तो पिछले वित्तीय वर्ष में भारत-बांग्लादेश के बीच करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ. अनाज, सब्जी, कपड़ा और बिजली से लेकर तमाम चीजों का आयात-निर्यात होता है. भारत चावल की कुछ वैरायटी, बिजली का बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करता है. वहां NTPC ने 1320 मेगावॉट का पावर प्लांट लगाया है. ऑटो इंडस्ट्री का बिजनेस भी दोनों देशों के बीच खूब है. हिन्दुस्तान में बांग्लादेशी ढाकाई साड़ी की काफी डिमांड है. बांग्लादेश से मछली, प्लास्टिक आदि चीजों का आयात होता है. बांग्लादेश की हिलसा मछली की भारत में काफी डिमांड रहती है. सबसे ज्यादा बंगाल में इसकी मांग है.
देश में इंडस्ट्री खोलने पर मदद करे सरकार
लाजपत नगर मार्केट के अध्यक्ष कुलदीप अरोड़ा ने कहा कि हमारे देश के उद्यमियों में बांग्लादेश को मात देने का सामर्थ्य है. गारमेंट्स इंडस्ट्री काफी बड़ी है. यदि भारत सरकार सस्ती दरों पर जमीन दे और उद्योग लगाने में मदद करे, तो यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खोली जा सकती हैं. इस संदर्भ में सरकार को लिखकर भी गुहार लगा चुके हैं. आज बांग्लादेश गारमेंट्स इंडस्ट्री पर ही जिंदा है. बड़े ब्रैंड काफी मात्रा में बांग्लादेश से प्रॉडक्शन कराते हैं. यहीं पर इंडस्ट्री लगेंगी, तो भारतीय कामगारों को रोजगार मिलेगा और देश में माल बनेगा.
बांग्लादेश से निर्यात और आयात
सीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक हिंदुस्तान बांग्लादेश कपास धागा, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज, ऑर्गेनिक-इनऑर्गेनिक केमिकल आदि निर्यात करता है. वहीं हिन्दुस्तान बांग्लादेश से सूती कपड़े, मानव निर्मित फाइबर, मसाले जूट आदि आयात करता है.
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