छत्तीसगढ़: बच्चे की चाह के लिए अंधविश्वास, पेट के बल लेटी महिलाओं के ऊपर से गुजरते हैं बैगा
महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पेट के बल लेटती हैं और महिलाओं के ऊपर से बैगा निकलते हैं. ऐसी मान्यता है कि बैगा के पैर पड़ने से मन्नत पूरी हो जाती है.
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धमतरी: संतान की चाह हर पति-पत्नी को होती है. वहीं बच्चे की इस चाह में इंसान कई बार अंधविश्वास का सहारा भी ले लेता है. इसका एक और नमूना सामने आया है. मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी का है, जहां से एक मेले की हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. संतान प्राप्ति के लिए धमतरी में अंधविश्वास की परंपरा देखने को मिली है.
यहां महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पेट के बल लेटती हैं और महिलाओं के ऊपर से बैगा (जनजाति) निकलते हैं. ऐसी मान्यता है कि बैगा के पैर पड़ने से मन्नत पूरी हो जाती है. दिवाली के अगले शुक्रवार को ऐसी पंरपरा देखने को मिलती है. वहीं इस बार जब कोरोना वायरस का कहर चारों तरफ देखने को मिल रहा है, तब भी कोरोना काल में यहां हजारों की संख्या में भक्त इकट्ठा हुए और कई महिलाएं इस अंधविश्वास की पंरपरा के तहत पेट के बल लेटी हुई देखी गईं.
संतान प्राप्ति के लिए अंधविश्वास वाली परंपरा
समाज को जकड़ता अंधविश्वास का ये मकड़जाल छत्तीसगढ़ के धमतरी में लोगों पर फैला है, जहां अंगारमोती मंदिर में दिवाली के अगले शुक्रवार को अंधविश्वास का खेल चलता है. यहां तमाम महिलाएं अपने हाथों में नारियल, अगरबत्ती और नींबू लेकर मुख्य बैगा का इंतजार करती हैं.
मंदिर के ट्रस्टी डीआर ठाकुर का कहना है कि जैसे ही बैगा अपने दल बल के साथ आते हैं तो ये सारी महिलाएं जमीन पर पेट के सहारे लेट जाती है. यहां बैगा तेजी से पेट के बल लेटी इन महिलाओं को कुचलते हुए चले जाते हैं. यहां के लोग मानते हैं कि बैगा का पैर जिन महिलाओं पर पड़ता है उन्हें संतान प्राप्ति होती है. बता दें कि अंगारमोती की गंगरेल के तट पर बने अधिष्ठात्री माता के इस मंदिर में हर साल इसी तरह अंधभक्ति में लीन लोग अपनी मन्नत लेकर पहुंचते हैं.
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