Detonators-Gas Cylinder Found On Rail Tracks: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास एक खास ट्रेन पर बम विस्फोट करने की कोशिश की गई. जम्मू और कश्मीर से कर्नाटक जा रही इस ट्रेन में सेना के जवान सवार थे.


अधिकारियों के मुताबिक, ट्रैक पर 10 डिटोनेटर मिले थे. जब ट्रेन डिटोनेटर के पास से गुजरी, तो लोकोपायलट ने विस्फोट की आवाज सुनी और तुरंत ट्रेन रोक दी. इसके बाद उन्होंने स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी दी. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. इस मामले की जांच के लिए एंटी-टेरेरिज्म स्क्वाड (ATS), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), रेलवे और स्थानीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.


यूपी में एक महीने में दूसरी बार रेलवे ट्रैक पर मिला गैस सिलेंडर


वहीं, आज रविवार, 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास भी एक खाली गैस सिलेंडर पाया गया. यह घटना सुबह 8:10 बजे हुई, जब एक मालगाड़ी ट्रेन प्रयागराज के लिए जा रही थी. ट्रेन के लोकोपायलट को आपातकालीन ब्रेक लगाने पड़े. पुलिस ने बताया कि यह सिलेंडर पांच किलो का था और खाली था. इसे ट्रैक से हटा दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.


यह इस महीने उत्तर प्रदेश में दूसरा ऐसा मामला है. 8 सितंबर को, प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी पर एक LPG सिलेंडर रखकर डिरेल करने की कोशिश की गई थी. ट्रेन ने सिलेंडर से टकराने के बाद अचानक रुक गई थी.


2 महीनों में 23 बार हुई ट्रेन पलटने की कोशिशें


बीते दो महीनों में देश भर में अलग-अलग जगहों पर ट्रेन पलटने की 23 साजिशें सामने आई हैं. हालांकि हर बार दुश्मनों के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया. रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 151 के अंतर्गत रेल दुर्घटना की साजिश साबित होने पर अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. अब इस अधिनियम में एक उपधारा जोड़कर इसे देशद्रोह की श्रेणी में लाने की योजना है.


गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रेल पटरियों पर अवरोधक रखना एक दुर्घटना की साजिश है. अगर इस कारण कोई हादसा होता है और जानमाल का नुकसान होता है, तो आरोपी के खिलाफ सामूहिक हत्या की धाराएं भी लगाई जा सकती हैं.


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