तीन साल की मासूम बच्ची को बचाने के लिए ललितपुर से भोपाल तक नॉन स्टॉप दौड़ती रही ट्रेन
आरपीएफ़ झांसी ने ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को मामला बताते हुए प्लानिंग के तहत कहा कि राप्ती सागर ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रोका ना जाये.
नई दिल्ली: 25 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के ललितपुर में एक व्यक्ति तीन साल की एक बच्ची का अपहरण कर के ले जा रहा था. रेलवे सुरक्षा बल को इस बात का पता चला तो रेलवे प्रसाशन ने ये तय किया कि इस ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रुकने नहीं देना है वरना अपहरणकर्ता बच्ची समेत बच निकलेगा.
सीन -1: पहली सूचना ललितपुर शहर से एक दुबला-पतला व्यक्ति तीन साल की बच्ची का अपहरण करके गाड़ी नम्बर 02511 राप्ती सागर एक्सप्रेस से भोपाल की तरफ जा रहा है.
यह सूचना किसने दी ? 25 अक्टूबर की शाम को लगभग 7 बजे झांसी स्टेशन रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट के सब इन्स्पेक्टर रविन्द्र सिंह राजावत को ललितपुर के जीआरपी प्रभारी सब इंस्पेक्टर ने सूचना दी.
सीन-2: अपहरणकर्ता और बच्ची का हुलिया ललितपुर के जीआरपी सब इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि बच्ची ने गुलाबी रंग की ड्रेस पहनी है, जबकि संदिग्ध व्यक्ति ने क्रीम कलर की शर्ट और काले रंग का लोअर पहन रखा है. बच्ची को ले जा रहा ये व्यक्ति नंगे पैर है.
सीन-3: झांसी और भोपाल से मिशन शुरू इस सूचना पर तुरंत ही झांसी कंट्रोल रूम से आरपीएफ़ ने भोपाल रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स और भोपाल पुलिस सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को बच्ची के अपहरण की जानकारी दी और बताया कि चलती हुई राप्ती सागर ट्रेन में अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर मौजूद है.
सीन-4: सीसीटीवी फ़ुटेज से की तस्दीक़ झांसी के सब इंस्पेक्टर एसएन पाटीदार ने बच्ची की मां से अन्य जानकारी लेकर ललितपुर आरपीएफ़ पोस्ट पर बने कंट्रोल रूम में स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, जिसमें संदिग्ध व्यक्ति एक बच्ची को ले जाते हुए दिख रहा था. ये फुटेज तुरंत भोपाल आरपीएफ और जीआरपी को भेज दी गई.
सीन-5: चलती ट्रेन में आरपीएफ़ को अलर्ट किया गया इसके बाद झांसी आरपीएफ़ ने राप्ती सागर ट्रेन में चल रहे अपने जवानों को हुलिया बताते हुए कहा कि अपहरणकर्ता पर नज़र रखें, लेकिन उसे शक न होने दें. कार्यवाही एक साथ ट्रेन के रुकते ही की जाएगी. गाड़ी में तैनात ऑन ड्यूटी सीटीआई को भी प्लानिंग बताई गई.
सीन -6: मुख्य प्लानिंग आरपीएफ़ झांसी ने ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को मामला बताते हुए प्लानिंग के तहत कहा कि राप्ती सागर ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रोका ना जाये. इसके बाद तकरीबन रात 8.43 बजे जब गाड़ी भोपाल पहुंची तो वहां आरपीएफ़ और भोपाल पुलिस पहले से बड़ी तादाद में अलर्ट खड़ी थी. ट्रेन के रुकते ही योजना के मुताबिक़ ट्रेन में सवार आरपीएफ़ जवानों के इशारे पर अपहरणकर्ता को धरदबोचा गया और बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया.
सुखद अंत : बच्ची के घरवाले रेलवे को धन्यवाद दे रहे हैं आरपीएफ़ की इस तेज़ी के लिए तीन साल की बच्ची के माता पिता और अन्य परिजन रेलवे का धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं. जिस बच्ची का अपहरण हुआ उसका नाम- काव्या उर्फ डुग्गु है. इसके पिता लक्ष्मी नारायण ललितपुर के आज़ादपुरा में रहते हैं.
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