Shimla Kalka Rail Track Landslide: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में गुरुवार को भूस्खलन के बाद शिमला-कालका हेरिटेज रेल ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही बाधित हो गई है. 50 से अधिक यात्रियों को लेकर एक ट्रेन जब सोलन (Solan) जिले के पट्टा मोड़ के पास पहुंची तो एक पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे. चालक ने समय रहते ब्रेक लगा दिए, जिससे बड़ा हादसा टल गया. ट्रैक क्लीयर होने के बाद सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी.
हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश के बाद लगातार भूस्खलन हो रहा है. दो दिन पहले ही चंबा जिले के सलूनी अनुमंडल के अंतर्गत कोटी-पुल के पास भूस्खलन की घटना सामने आई थी, जिससे भालेयी-कोटि मार्ग पर भारी मलबा गिरने से मार्ग बाधित हो गया था. जब पहाड़ी का हिस्सा नीचे गिरा तो कोटी पुल पर एक दर्जन से अधिक लोग गुजर रहे थे, जो भूस्खलन के दौरान जान बचाने के लिए पुल की दूसरी ओर भागे.
लगातार हो रहा भूस्खलन
पुल से कुछ दूरी पर मलबा गिरा. अगर पुल पर मलबा गिरता तो यह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता था, साथ ही इसके ऊपर से गुजरने वाले लोगों की जान को भी खतरा हो सकता था. इससे पहले चंबा जिले में चंबा-भरमौर मार्ग पर बग्गा बांध के पास भूस्खलन की एक और घटना की सूचना मिली थी. जिससे वाहनों की आवाजाही कई घंटों तक बाधित रही.
खराब मौसम के कारण नदियां उफान पर
करीब 10 दिन पहले हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भी भारी भूस्खलन हुआ था. घटना के बाद बागीपुल-जांव मार्ग अवरुद्ध हो गया था. इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी भूस्खलन की खबर मिली थी. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया था कि भूस्खलन में आठ लोग घायल हो गए थे. आटा चक्की के पास एक निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ था. राज्य में खराब मौसम के कारण नदियां उफान पर हैं और लगातार भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं.
बता दें कि, शिमला-कालका रेलवे (Shimla Kalka Rail Track) उत्तर भारत में नैरो-गेज रेलवे है जो कालका से शिमला तक ज्यादातर पहाड़ी मार्ग को पार करती है. ये पहाड़ियों और आसपास के गांवों के सुंदर दृश्यों के लिए जाना जाता है. शिमला-कालका रेलवे ट्रैक में कुल 18 सैक्शन हैं.
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