नई दिल्ली: आज से एक बार फिर से यात्री रेल पटरी पर दौड़ने लगी है. हालांकि अभी भी गिनी चुनी ट्रेन की चलाई जा रही है लेकिन इन ट्रेनों के जरिए उन लोगों को अपने घरों तक पहुंचाया जा रहा है जो लॉकडाउन के चलते जगह-जगह फंसे हुए थे. फिलहाल ट्रेनों की संख्या इतनी कम है और जाने वालों की संख्या इतनी ज्यादा कि हर किसी को इन ट्रेनों के टिकट नहीं मिल पा रहे. इसी के चलते कुछ लोग तो अब रेलवे स्टेशन के बाहर ही रहने लगे हैं. इस उम्मीद के सहारे जिस दिन भी ट्रेन चले और टिकट मिल जाए वह अपने घरों तक जा सके.


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक आज बिना टिकट वाले लोग भी पहुंचे


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आज सुबह से ही लोग पहुंचे शुरू हो गए थे. इसमें से बड़ी संख्या में लोगों वो थे जिनके पास में आज चलने वाली ट्रेन के टिकट थे. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके पास टिकट नहीं थे लेकिन फिर भी वह रेलवे स्टेशन पर पहुंचे. ऐसे लोग इस उम्मीद के सहारे रेलवे स्टेशन पहुंचे थे कि कैसे भी जाने का कोई इंतजाम हो जाए. यह वह लोग हैं जो लॉकडाउन के चलते फंसे हुए थे. कोई नौकरी के लिए दिल्ली आया था तो कोई यहां काम करता था और कामकाज बंद होने के चलते फंसा हुआ था. कोई इलाज के लिए आया था, तो कोई पढ़ाई के लिए लेकिन लॉक डाउन के चलते हैं सब अपने घरों से दूर थे और इस दिन का इंतजार कर रहे थे रेल और बस यातायात शुरू हो और वह भी अपने घर जा सकें. लेकिन फिलहाल कई लोगों को आज मायूसी ही मिली क्योंकि उनको ट्रेन का टिकट नहीं मिल पाया था.


सुनीता 2 महीने से रेलवे स्टेशन के बाहर ही गुजार रही है दिन रात


जिन लोगों को आज मायूसी मिली उन्हीं में से एक हैं मुंबई के रहने वाली सुनीता. सुनीता अपने पति के साथ लॉकडाउन से पहले दिल्ली आई थी. इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई और सुनीता और उनके पति दिल्ली में ही फंस गए. रहने का कोई ठिकाना नहीं था और पैसे खत्म हो गए थे, लिहाजा रेलवे स्टेशन के बाहर ही दिन गुजार रही हैं. इस उम्मीद के सहारे कि उनको मुंबई जाने का टिकट मिल जाए. सुनीता पिछले करीब 2 महीने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर ही रह रही है. इस आस में की जब भी मुंबई के लिए ट्रेन चलेगी तो पहली ट्रेन से घर जा सकेंगी. लेकिन फिलहाल आज तो सुनीता घर नहीं जा पा रही लेकिन उनकी बेटी के फोन ने उनको राहत भरी खबर दी. सुनीता की बेटी ने उनको जानकारी दी है कि 14 तारीख को ट्रेन का टिकट हो गया है और वह दिल्ली से मुंबई आ सकती है.


मकान मालिक ने घर खाली कराया तो रिंकी रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर ही रहने लगीं


सुनीता की तरह ही ओडिशा के राहुरकेला की रहने वाली रिंकी शर्मा भी फिलहाल दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर ही अपने दिन रात गुजार रही हैं. रिंकी शर्मा दिल्ली में अपने पति के साथ नौकरी करती थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से कामकाज बंद हो गया. पैसे की दिक्कत आने लगी तो कमरे का किराया देना भी मुश्किल हो गया. वह कपासहेड़ा में जहां रहती थी वहां पर मकान मालिक ने किराए न दे पाने की वजह से कमरा खाली करने को कह दिया और उसके बाद से ही शर्मा का नया ठिकाना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर का फुटपाथ बन गया है. रिंकी का सामान भी यहीं रखा हुआ है इसी आस में वह हैं कि जैसे ही मौका मिले और ओडिसा के लिए ट्रेन चले यह अपने घर चली जाएं.


बड़ी संख्या में लोग ज्यादा ट्रेन चलाने और टिकट की कीमत कम करने की कर रहे हैं मांग


सुनीता और रिंकी शर्मा की तरह इस वक्त देश के अलग-अलग हिस्सों में हजारों लाखों लोग फंसे हुए हैं, जो बेसब्री से रेल के पटरी पर दौड़ने का इंतजार कर रहे हैं, रेल पटरी पर आज से दौड़ना शुरू भी हो गई है और हजारों लोगों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने की तैयारी भी कर ली है, लेकिन अभी भी हजारों लाखों लोग ऐसे हैं जिनको शुरुआती दौर में टिकट नहीं मिल पाया और अब उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द और ज्यादा बड़ी संख्या में ट्रेनें चलाई जाए जिससे कि उनको टिकट मिल जाए और वह अपने घरों तक जा सके, हालांकि इस सबके बीच बड़ी संख्या में लोगों की यह मांग जरूर है कि टिकट की कीमत आम जनता की हालत को ध्यान में रखते हुए तय की जाए क्योंकि पिछले 50 दिनों से रोजगार ठप है और बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं बचा है, लिहाजा सरकार इस चीज पर भी गौर करें और उन लोगों को भी घर पहुंचाने का इंतजाम करें जो फिलहाल एक-एक दिन इसी आस में गुजार रहे हैं कि वह अपने घर पहुंच जाए.