Karnataka Coronavirus: कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने शनिवार को कहा कि राज्य ने कोविड-19 से निपटने में प्रभावी ढंग से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है और अब तक लगभग 2.5 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर को ऑनलाइन मंच के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है.
सुधाकर ने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल है. मंत्री ने ऑनलाइन मंच ‘स्टेप वन’ के सहयोग से लगभग 10,000 चिकित्सा, डेंटल केयर और आयुष छात्रों को होम आइसोलेशन देखभाल में प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किए जा रहे डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया और छात्रों को संबोधित किया.
मंत्री के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि महामारी की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को नए वायरस के बारे में प्रशिक्षण देना आवश्यक था. लेकिन लॉकडाउन और अन्य कारणों से जब प्रत्यक्ष तरीके से प्रशिक्षण आयोजित करना संभव नहीं था, ऐसे में लगभग 2.5 लाख स्वास्थ्य सेवा और फ्रंट लाइन वर्कर्स को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) की मदद से ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षित किया गया था. विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्र सरकार ने भी प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के कर्नाटक के प्रयासों की सराहना की है.
सुधाकर ने कहा, ‘‘स्टेपवन ने कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों को जुटाने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए राज्य सरकार के साथ भागीदारी की है. इससे कर्नाटक में प्रभावी होम आइसोलेशन देखभाल शुरू हो गई है. नीति आयोग ने भी कर्नाटक में होम आइसोलेशन प्रक्रिया और इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी की सराहना की है. होम आइसोलेशन प्रबंधन में चिकित्सा छात्रों, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेजों के संकाय ने अहम भूमिका निभाई है.’’
मंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन के तहत नियमित रूप से स्वास्थ्य की निगरानी करने की एक प्रक्रिया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम लगभग 10,000 चिकित्सा, दंत चिकित्सा और आयुष छात्रों की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं और लगभग 500 विशेषज्ञ इस प्रणाली का सहयोग कर रहे हैं.’’