श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सुररक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. सुरक्षाबलों ने पुलवामा जिले के त्राल इलाके में पुलवामा आतंकी हमले में शामिल आतंकियों समेत तीन को मार गिराया. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके के पिंगलिश में घेरेबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान उस वक्त मुठभेड़ हो गई जब आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोली चलाई, जिस पर जवाबी कार्रवाई की गई.


मारे गए तीन आतंकियों में सज्जाद और मुदासिर अहमद खान भी शामिल है जो पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था. सज्जाद की ही कार का इस्तेमाल पुलवामा आतंकी हमले में किया गया था. एक अधिकारी ने बताया कि 23 साल का मुदासिर अहमद खान पेशे से इलेक्ट्रिसियन था और स्नातक पास था. वह पुलवामा का रहनेवाला था.


14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तनी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी. पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए मारूती इको मिनिवान को सज्जाद भट्ट ने हमले से 10 दिन पहले खरीदा था.


एक अधिकारी ने कहा कि त्राल के मीर मोहल्ला में रहनेवाला खान 2017 में जैश से जुड़ा और बाद में नूर मोहम्मद तंत्रे उर्फ ‘नूर त्राली’ ने उसको आतंकवादी संगठन में शामिल कर लिया.


राज ठाकरे ने जतायी आशंका, कहा- लोकसभा चुनाव से पहले फिर हो सकता है पुलवामा जैसा आतंकी हमला


नूर त्राली के बारे में माना जाता है कि उसने घाटी में आतंकी संगठनों को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई है. त्राली के 2017 में मारे जाने के बाद खान अपने घर से 14 जनवरी, 2018 को लापता हो गया और वह तब से आतंकवादी के रूप में सक्रिय था.


अधिकारियों ने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा में विस्फोटक से भरी कार से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारनेवाला आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार लगातार खान के संपर्क में था.


खान ग्रेजुएट होने के बाद एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से एक साल का डिप्लोमा करके इलेक्ट्रिसियन बना था. वह यहां के एक श्रमिक का सबसे बड़ा बेटा था. ऐसा माना जाता है कि फरवरी 2018 में सुंजावान के सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले में भी वह शामिल था. इस हमले में छह जवान शहीद हो गए थे और एक नागरिक की मौत हो गई थी.


सीआरपीएफ के शिविर पर लेथोपोरा में जनवरी, 2018 में हुए हमले के बाद खान की भूमिका सुरक्षाबलों के नजर में सामने आई थी. इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खान के घर पर 27 फरवरी को छापा मारा था.