मुंबई: महाराष्ट्र में एंटीलिया केस और वसूली कांड के बीच एक और साजिश का खुलासा हुआ है. नया खुलासा महाराष्ट्र में खाकी और खादी के नेक्सस पर सवाल उठा रहा है. सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट का खुलासा हुआ है. दावा किया रहा है कि इस कंपनी के केयर टेकर कोई और नहीं बल्कि शरद पवार हो सकते हैं. सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य का नाम भी इसमें आ रहा है.


पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ट्रांसफ़र रैकेट के खुलासे के बाद ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिसमें एनसीपी मुखिया शरद पवार से लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक के नाम है. टॉप सीक्रेट दस्तावेज से यह खुलासा हुआ है कि डीसीपी सचिन पाटिल के नाशिक ट्रांसफर के लिए संतोष जगताप नाम के एजेंट ने आदित्य ठाकरे से लेकर अनिल देशमुख और अजित पवार से लेकर शरद पवार तक मुलाकात की थी. बाद में शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को व्हाट्सएप मैसेज कर सचिन पाटिल के ट्रांसफर के लिए कहा था.


महाराष्ट्र की तत्कालीन इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने 20 अगस्त 2020 को महाराष्ट्र के डीजीपी को एक गुप्त जानकारी भेजी थी जिसमें लिखा गया था कि महादेव इंगले नाम के शख्स, जिसका मोबाइल नंबर 9822291816, 7620385399 को 29 जुलाई 2020 से सर्विलांस पर रखा गया था और उसकी हरकत पर नजर रखी जा रही थी.


जब महादेव इंगले के इंटरसेप्ट किये गए कॉल का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि महादेव इंगले आपने राजनीतिक और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के दम पर महाराष्ट्र में पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर डीआईजी लेवल तक के अधिकारियों से उनके इच्छा के अनुसार ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर बात कर रहा है. महादेव इंगले ने एसपी से लेकर डीआईजी तक के 29 लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर उस समय बात की थी. इसके बाद जिनमें से एक दर्जन के आसपास लोगों के ट्रांसफर उनके मन मुताबिक हुए.


महादेव इंगले ने डीआईजी निसार तंबोली, एसपी दिलीप भुजबल, एसपी विजय कुमार मगर, एसपी श्रीधर जी, एसपी शिवाजी राठौड़, एसपी राकेश कल सागर, एसपी दिगंबर प्रधान, एसपी अतुल झंडे, एडिशनल एसपी संदीप पालवे, एडिशनल एसपी वैशाली करू कर, डीसीपी पराग मेरे, एडिशनल एसपी मिलिंद मोहिते, एडिशनल एसपी राजू भुजबल, डीसीपी अशोक दुधे, डिप्टी एसपी राहुल धस, डीसीपी राहुल खड़े, डीसीपी भरत टंगड़े, एसपी राहुल श्री रामे, एसपी मनोज पाटिल, एसपी चंद्रकांत खांडवी, डिप्टी एसपी गणेश केंद्र, डिप्टी एसपी विवेक पवार, डिप्टी एसपी विकास तोडावल, एसीपी पंकज, एसीपी अशोक वीरकर एसीपी ढोला तेली और एसीपी हेमंत हेमंत सावंत से उनके मन मुताबिक पोस्टिंग के बारे में बात की थी. जिसको इंटेलिजेंस विभाग ने इंटरसेप्ट किया था.


इंटेलिजेंस ने जिस दूसरे एजेंट की कॉल इंटरसेप्ट की थी उसका नाम है संतोष उर्फ सागर जगताप. जिसके मोबाइल नंबर 9867 83 0003 को इंटेलिजेंस विभाग ने 11 अगस्त 2020 से सर्विलांस पर रखा था. ऑफिसियल सीक्रेट दस्तावेज से यह पता लगा है की एजेंट संतोष जगताप ने डीसीपी सचिन पाटिल के नासिक में ट्रांसफर के लिए मंत्री आदित्य ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख व उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार से मुलाकात की थी, एवं उसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के नासिक के विधायकों को लेकर मुंबई में यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में एनसीपी के मुखिया शरद पवार से भी मुलाकात की थी.


DCP सचिन पाटिल के तबादले को लेकर संतोष जगताप को काफी प्रयास करने पड़े. नासिक में शिवसेना का वर्चस्व होने की वजह से अजित पवार के कहने पर शिवसेना के विधायकों की मदद से पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की सिफारिश जरूरी होने की बात कही थी. पवार साहब से मुलाकात कर ट्रांसफर का काम पूरा किया गया और पवार साहब ने उद्धव ठाकरे को व्हाट्सएप मैसेज कर सचिन पाटिल का नाम भेजा और आखिरी आर्डर में नाम आएगा ऐसा जगताप ने सचिन पाटिल को बताया. संतोष जगताप की इंटरसेप्ट कॉल में यह बात भी सामने आई है कि वह विपिन कुमार सिंह एडीजी के भी संपर्क में था.


इंटेलिजेंस विभाग द्वारा और भी कई ऐसे एजेंट सामने आए हैं जिनकी कॉल को इंटरसेप्ट किया गया था. इनमें नवाज मुनेर अजीमुद्दीन, देवानंद भोजे के नाम भी शामिल होने के सबूत मिले हैं. इन लोगों ने भी महाराष्ट्र के अलग-अलग पुलिस अधिकारियों से उनके ट्रांसफर के बारे में संपर्क किया था. रश्मि शुक्ला द्वारा डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इनमें से कुछ अधिकारियों ने इन एजेंट्स को पैसों का भी भुगतान किया था.


रश्मि शुक्ला द्वारा डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट के बाद डीजीपी सुबोध जायसवाल ने यह टॉप सीक्रेट रिपोर्ट महाराष्ट्र के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री होम सीताराम कुंटे को भेजी थी. डीजीपी ने सीताराम कुंटे को यह रिपोर्ट 26 अगस्त 2020 को भेजी थी उसके बाद सीताराम कुंटे ने यह रिपोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी थी.


इसके बाद उद्धव ठाकरे ने यह टॉप सीक्रेट रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल देशमुख को भी भेज दी थी. लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि जिन लोगों की कॉल इंटरसेप्ट की गई थी और जिन पुलिस अधिकारियों ने एजेंट से संपर्क किया था उनमें से लगभग एक दर्जन से ज्यादा लोगों को उनके मनमाफिक ट्रांसफर पोस्टिंग मिल गई है.


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