Transgender Census in UP:  उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्रालय ने राज्य के ट्रांसजेंडर लोगों के लिए जनगणना कराने का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य इस वंचित तबके के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना है. अगर यह जनगणना होती है तो यह अपनी तरह की ऐसी पहली जनगणना होगी. सूत्रों ने बताया, ‘‘यह जनगणना, राज्य में ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान करने और यूआईडी (आधार कार्ड) में उनका पंजीकरण कराने के लिए की जाएगी, ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें. यह उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में किया जाएगा और डेटाबेस तैयार करके उसे केन्द्र सरकार के साथ भी साझा किया जाएगा.’’


सूत्रों ने बताया कि 'मंत्रालय ने राज्य की ट्रांसजेंडर आबादी के कल्याण के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत उन्हें शिक्षा प्रदान करने, मूलभूत सुविधाओं से युक्त कॉलोनियां विकसित करने और समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों के पुनर्वास की सुविधा आदि पर खर्च किया जाएगा.' मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 200 करोड़ रुपये के बजट में से करीब 25 करोड़ रुपये समुदाय के युवाओं की शिक्षा पर खर्च किए जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक के बाद मंत्रालय ने मुख्यमंत्री के साथ पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक में राज्य सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव पेश किया है.


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 अप्रैल को राज्य सरकार के अधिकारियों से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए कल्याणकारी कदम उठाने को कहा था. मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल में आदित्यनाथ ने 2021 में राज्य में ‘ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड’ का गठन किया था. हालांकि, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की पहली बैठक समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की अध्यक्षता में 19 अप्रैल, 2022 को हुई. बता दें कि उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर की आबादी करीब 20 लाख है और इनमें से ज्यादातर के पास शिक्षा और जीविका के बेहद सीमित साधन उपलब्ध हैं.


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