नई दिल्ली: मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के विरोध में यूएफटीए संगठन के आह्वान पर आयोजित हड़ताल के कारण निजी बस, टैक्सी, ऑटोरिक्शा सड़कों से दूर रहे, जिससे लोगों को सुबह अपने ऑफिस जाने में खासी परेशानी हुई. हालांकि, दिल्ली मेट्रो और डीटीसी तथा क्लस्टर बसों पर इस बंद का असर नहीं रहा. हड़ताल की वजह से दिल्ली में कई स्कूल बंद रहे. कुछ स्कूलों ने बच्चों के माता-पिता से उन्हें स्कूल पहुंचाने और वापस ले जाने का प्रबंध करने को कहा था.


यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन्स (यूएफटीए) के महासचिव श्यामलाल गोला ने कहा कि इस हड़ताल में एनसीआर के 50 से ज्यादा परिवहन संगठन और यूनियन हिस्सा ले रहे हैं. यह हड़ताल मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन के खिलाफ बुलाई गई है. यूएफटीए ने सड़क यातायात जुर्माना में हुई बढ़ोतरी समेत मोटर वाहन अधिनियम के कुछ अन्य प्रावधानों को वापस लेने की मांग की है.


दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि दिल्ली में 90,000 से ज्यादा ऑटो भी हड़ताल में शामिल हुए. इसी बीच ऐसी खबरें आईं कि बंद में हिस्सा नहीं लेने वाले कुछ ऑटो चालकों पर हमले भी हुए. हालांकि, सोनी ने इन दावों को खारिज किया और कहा कि हड़ताल शांतिपूर्ण रही है और बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने अपनी इच्छा से हड़ताल में हिस्सा लिया.


ग्रामीण सेवा संगठन, ई-रिक्शा सहित हल्के मोटर वाहनों के संगठन ने इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया. यात्रियों को ऑटो या कैब नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ा. खासतौर पर रेलवे स्टेशनों और अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों पर यात्रियों को ऑटो नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, यात्रियों का यह भी कहना था कि इस दौरान आने-जाने के साधनों के लिए ज्यादा किराया वसूला गया.