नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता देश भारत में अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन को आपात मंजूरी दी जा सकती है. भारतीय ड्रग कंट्रोलर की तरफ से कम से कम तीन वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की इजाजत पर विचार किया जा रहा है. पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट और हैदराबाद की दवा कंपनी भारत बायोटेक ने पहले ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास उनके संभावित कोविड-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है.


सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की एक एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से सीरम और भारत बायोटेक के आवेदन का विश्लेषण करने के बाद उनसे अतिरिक्त सुरक्षा और प्रभावोत्पादका को लेकर आंकड़ा मांगा है. अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर भारतीय ईकाई ने भी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है. इस हफ्ते मीडिया ब्रीफिंग के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि चल रहे ट्रायल के बीच वे तीनों वैक्सीन लाइसेंस जारी कर सकते हैं.


भारत में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल के बारे में बताते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह कहा था कि भारत में 8 वैक्सीन अलग-अलग चरण में हैं. एक कोविशील्ड है, जिसे एस्ट्रेजेनिका के सहयोग से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से तैयार की जा रही है. इस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. इसकी तरफ स इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया गया है.


एक अन्य वैक्सीन है कोवैक्सीन. इसे स्वदेशी तौर पर भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से तैयार किया है. इस वैक्सीन का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है. कोवैक्सीन के भी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया गया है.


तीसरी वैक्सीन है ZyCOV-D. इसे अहमदाबाद में कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड की तरफ से केन्द्र सरकार के विभाग बायोटेक्नॉलोजी के सहयोग से तैयार किया गया है. इसका दूसरे फेज का ट्रायल चल रहा है.


इसके अलावा, चौथी वैक्सीन है स्पूतनिक-V, जिसे डॉक्टर रेड्डी लैब हैदराबाद रूस के गामलेया नेशनल सेंटर की मदद से तैयार कर रह है. दूसरे चरण का भारत में ट्रायल पूरा हो चुका है और तीसरे चरण का अगले हफ्ते ट्रायल शुरू होगा.


पांचवीं वैक्सीन है NVX-CoV2373. इसे सीरम इंस्टीट्यूट ने नोवैक्सन के सहयोग से तैयार किया है और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए ड्रग रेगुलेटर से विचार किया जा रहा है.


छठी वैक्सीन है रिकोबिएंट प्रोटीन एंटीजेन आधारित वैक्सीन, जिसे बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड हैदराबाद की तरफ से एमआईटी, यूएसए के सहयोग के तैयार किया जाएगा. इसका जानवारों पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है और मानव पर पहले चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है.


सातवीं वैक्सीन HGCO 19 वैक्सीन पुणे में जेनोवा की तरफ से HDT, USA की मदद से तैयार की जा रही है. इसका जानवरों पर प्री-क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है और पहले और दूसरे चरण का ट्रायल शुरू होना है.


आठवीं वैक्सीन भारत बायोटेक इंटरनेशल लिमिटेड की तरफ से थॉमन जेफ्फरसोन यूनिवर्सिटी, यूएसए की तरफ से बनाई जा रही है. यह अभी प्री-क्लिनिकल स्टेज में है.


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