Vaccination: राष्ट्रीय औसत की तुलना में आदिवासी जिलों में ज्यादा लोगों ने लगवाई वैक्सीन
कोविड वैक्सीनेशन पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े साझा किए हैं उसके मुताबिक आदिवासी जिलों में वैक्सीनेशन का स्तर राष्ट्रीय वैक्सीनेशन के स्तर से अच्छा रहा है. वैक्सीनेशन के प्रति आदिवासी जिलों की जनता ज्यादा जागरुक दिखी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को आदिवासी जिलों में हो रही वैक्सीनेशन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि 3 जून तक कोविन पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक आदिवासी जिलों में वैक्सीनेशन करने वाले लोगों का लिंग अनुपात शहरी जिलों से बेहतर रहा है. दरअसल आदिवासी जिलों में 10 लाख जनसंख्या पर वैक्सीनेशन 1,73,875 तक हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत 1,68,951 से ज्यादा है. जबकी पूरी भारतीय वैक्सीनेशन कवरेज ज्यादा अच्छी नहीं रही है. आदिवासी जिलों में लोगों ने ज्यादा से ज्यादा तादाद में वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचकर डोज लगवाई है. वहीं सरकार के मुताबिक राष्ट्रीय औसत की तुलना में आदिवासी जिलों में ज्यादा वॉक-इन देखा जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर वॉक-इन ऑनलाइन वैक्सीनेशन अनुपात 81:19 है, जो आदिवासियों के 88:12 से कम है. मंत्रालय ने बताया कि कुल 69,995 वैक्सीनेशन केंद्रों में से राज्यों में इन्हें ग्रामीण या शहरी के रूप में बांटा है.
वॉक-इन के जरिए 1 दिन में लगीं 19.84 करोड़ डोज
मंत्रालय ने बताया कि 13 जून तक कोविन पर दर्ज कुल 24.84 करोड़ वैक्सीन डोज में से 19.84 करोड़ डोज या सभी वैक्सीन डोज का लगभग 80 प्रतिशत वॉक-इन के जरिए किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि कुल 69,995 वैक्सीन केंद्रों में से अब तक राज्यों ने इन्हें ग्रामीण और शहरी के रूप में विभाजित किया है.
मदद के लिए 1075 हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा जैसे सुविधाकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में और शहर की बस्तियों में रहने वाले लाभार्थियों को सीधे पास के वैक्सीनेशन सेॉटर में वैक्सीन लगा रहे हैं. वहीं मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि 1075 हेल्पलाइन नंबर पर सहायता प्राप्त रेजिस्ट्रेशन की सुविधा भी चालू कर दी गई है.
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